बुधवार की सुबह रूस के सुदूर पूर्व में इलाके में भयानक भूकंप आया जिसकी तीव्रता 8.8 मापी गई। यह भूकंप इतना तेज़ था कि इसके कारण प्रशांत महासागर के उत्तरी हिस्से में सुनामी उठ गई और अलास्का, हवाई और न्यूजीलैंड जैसे इलाकों में भी चेतावनी जारी करनी पड़ी।
हवाई के होनोलूलू शहर में मंगलवार को ही सायरन बजने लगे और लोग ऊँचे इलाकों की तरफ भागने लगे। जापान के मौसम विभाग एजेंसी ने बताया कि होक्काइडो के टोकाची इलाके में करीब 40 सेंटीमीटर ऊंची लहरें आईं। रूस के कामचटका इलाके के पास बसे सेवेरो-कुरील्स्क शहर में सुनामी की पहली लहर आई। स्थानीय गवर्नर ने कहा कि लोग सुरक्षित हैं और ऊंचाई पर रुके हुए हैं जब तक अगली लहरों का खतरा नहीं टल जाता।
प्रशांत महासागर के चेतावनी केंद्र ने कहा कि हवाई के सभी द्वीपों पर नुकसान होने की आशंका है, और लोगों से कहा गया कि वे जान और माल की रक्षा के लिए तुरंत कदम उठाएं। वहां पहली लहरें मंगलवार शाम 7 बजे तक पहुंचने की उम्मीद थी।
अमेरिका के ओरेगन राज्य ने भी चेतावनी दी कि वहां छोटी-छोटी लहरें 1 से 2 फीट ऊंचाई तक आ सकती हैं, और लोगों को समुद्र, बंदरगाह और नाव घाटों से दूर रहने के लिए कहा गया। हालांकि यह बड़ी सुनामी नहीं है, लेकिन लहरें तेज़ और बहाव खतरनाक हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पानी के पास हैं। कनाडा से लेकर अमेरिका के वॉशिंगटन और कैलिफोर्निया जैसे तटीय इलाकों में भी चेतावनी दी गई है।
An image from the National Oceanic and Atmospheric Administration’s (NOAA) Tsunami Warning System shows tsunami warnings (red), advisories (orange) watches (yellow) and threats (purple) after an 8.7 earthquake hit off of Russia’s far east on July 30, 2025 pic.twitter.com/SqUV9kuF7t
— AFP News Agency (@AFP) July 30, 2025
यह भूकंप जापान के समय अनुसार सुबह 8:25 बजे आया, जिसकी शुरुआत में तीव्रता 8.0 बताई गई, बाद में इसे 8.8 बताया गया। इसका केंद्र रूस के पेत्रोपावलोव्स्क-कामचात्स्की शहर से 119 किमी दूर समुद्र में था और इसकी गहराई लगभग 21 किमी थी।
भूकंप के कारण शहर में इमारतें हिलने लगीं, बिजली चली गई और मोबाइल नेटवर्क भी बाधित हुआ। कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं लेकिन कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ। यह भूकंप 2011 में जापान में आए 9.0 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के बाद सबसे तेज़ भूकंपों में से एक है।
जापान में फेरी और ट्रेन सेवाएं रोकी गईं और कुछ हवाई अड्डों को भी अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। परमाणु संयंत्रों में कोई खतरा नहीं पाया गया। फिलीपींस और न्यूजीलैंड में भी लोगों को समुद्र और तटीय इलाकों से दूर रहने को कहा गया क्योंकि लहरें वहां भी असर डाल सकती थीं।
रूसी वैज्ञानिकों ने कहा कि यह भूकंप 1952 के बाद इस इलाके में सबसे ज़ोरदार था और आगे भी झटके आ सकते हैं, इसलिए कुछ तटीय इलाकों में जाने से मना किया गया है।




