भारत के इन प्रमुख व्यवसायों पर होगा इज़राइल हमास युद्ध का असर
इसराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का असर पूरे विश्व पर पड़ने वाला है, इसका असर भारत के विभिन्न व्यवसाययों पर खास तौर से पड़ेगा, अगर यह युद्ध लंबा चलता है तो कई देशों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है यह नुकसान कई प्रकार से हो सकते हैं आईए जानते हैं सिर्फ भारत पर क्या होगा इनका असर।
इजराइल-हमास संघर्ष का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर
भारत और विश्व की अर्थव्यवस्था इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष से सीधे प्रभावित हो रही है। इसका असर विभिन्न क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है।
कच्चे तेल की क़ीमत में होगा इजाफ़ा
कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि पश्चिमी एशिया में चल रहे संघर्ष के कारण कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं, जिससे पेट्रोल-डीजल के दामों में भी वृद्धि हो सकती है।
दवा व्यापार पर पड़ेगा बुरा असर
फार्मा सेक्टर पर दवाओं का निर्यात प्रभावित हो सकता है, क्योंकि भारत विशेष रूप से पश्चिमी एशिया और यूरोप के देशों में दवाओं का निर्यात करता है। युद्ध के कारण शिपमेंट में काफ़ी विलंब देखें को मिल रहा है।
कॉर्पोरेट सेक्टर भी होगा प्रभावित
कॉर्पोरेट सेक्टर में अस्थिरता भारतीय कंपनियों जो इजराइल में संचालित हैं, उन्हें नुकसान हो सकता है। निवेशकों में अस्थिरता का माहौल हो सकता है।
टेलीकॉम उपकरणों की बढ़ेंगी क़ीमते
5G विस्तार में बाधा रुपए की कमजोरी से विदेशी टेलीकॉम उपकरणों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे 5G कनेक्टिविटी विस्तार में धक्का मिल सकता है।
एक्सपोर्ट पर बढ़ेगा अतिरिक्त बोझ
एक्सपोर्ट में वृद्धि रुपया कमजोर होने से इंश्योरेंस प्रीमियम और शिपिंग लागत में वृद्धि हो सकती है, जिससे एक्सपोर्ट्स पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।
सूरत के हीरा कारोबार पर भी पड़ेगा प्रभाव
हीरा निर्यात पर असर इजराइल के साथ हीरा व्यापार प्रभावित हो सकता है, जिसका सीधा असर सूरत के हीरा कारोबार पर पड़ेगा।
महत्वपूर्ण जानकारी तालिका:
क्षेत्र | प्रभाव |
---|---|
कच्चे तेल | कीमतों में वृद्धि |
फार्मा | निर्यात में गिरावट |
कॉर्पोरेट सेक्टर | निवेश में अस्थिरता |
5G | विस्तार में बाधा |
एक्सपोर्ट्स | लागत में वृद्धि |
हीरा निर्यात | व्यापार में गिरावट |
FAQs:
- Q: इजराइल-हमास संघर्ष से भारत को कितना नुकसान हो सकता है?
A: नुकसान की ठीक राशि निर्धारित करना मुश्किल है, परन्तु विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि फार्मा, तेल, हीरा निर्यात, और टेलीकॉम में प्रभाव देखा जा सकता है। - Q: सरकार इस संकट का सामना करने के लिए क्या कदम उठा रही है?
A: सरकार ने आयात और निर्यात प्रक्रियाओं को सरलीकृत किया है, तथा अंतरराष्ट्रीय समर्थन और द्विपक्षीय सहयोग के लिए कदम उठाए हैं। - Q: इन परिस्थितियों में निवेशकों को क्या सलाह दी जाएगी?
A: जोखिम प्रबंधन की तकनीकों का इस्तेमाल करें, और बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव का समीक्षात्मक विश्लेषण करें।