विदेशों में बेहतर रोजगार की तैयारी के लिए मिस्र ने एक अनिवार्य प्री-डिपार्चर ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है, जो खासतौर पर कुवैत जाने वाले श्रमिकों के लिए लागू किया गया है। इस पहल का उद्देश्य श्रमिकों को व्यावसायिक कौशल और स्थानीय श्रम कानूनों की जानकारी से लैस करना है, ताकि वे नए देश में कानूनी जटिलताओं या शोषण का शिकार न हों।
प्रशिक्षण की प्रमुख बातें:
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प्रत्येक श्रमिक को मिस्र में 3 महीने का प्रशिक्षण कोर्स पूरा करना होगा।
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प्रशिक्षण में नौकरी से संबंधित ज़िम्मेदारियों की जानकारी, साथ ही कुवैत के श्रम कानूनों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
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इसका उद्देश्य ऐसे कानूनी उल्लंघनों को कम करना है जो अक्सर जागरूकता की कमी के कारण होते हैं।
मिस्र के कुवैत स्थित राजदूत ओसामा शालतूत ने कहा यह कदम सुनिश्चित करता है कि श्रमिकों को शोषण या अनुबंधीय भ्रम का सामना न करना पड़े। हम उन्हें उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों से पहले ही परिचित करा रहे हैं, ताकि उनका अनुभव सुरक्षित और सफल हो सके।
द्विपक्षीय सहयोग
यह पहल मिस्र के दूतावास और कुवैत की जनशक्ति प्राधिकरण (Public Authority of Manpower) के बीच हाल ही में हुई एक बैठक के बाद सामने आई है। दोनों पक्षों ने श्रम मामलों में समन्वय को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
85 प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना
मिस्र सरकार ने देशभर में 85 व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए हैं, जो इस कार्यक्रम के प्रमुख केंद्र होंगे। इन केंद्रों में श्रमिकों को:
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कौशल विकास,
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कानूनी शिक्षा, और
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पूर्व-प्रस्थान ओरिएंटेशन प्रदान किया जाएगा।
व्यापक सुधार की दिशा में कदम
यह पहल मिस्र की श्रम निर्यात नीति के आधुनिकीकरण और विदेशों में कार्यरत श्रमिकों के लिए सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा है — खासकर खाड़ी देशों (GCC) में, जहां लाखों मिस्री नागरिक कार्यरत हैं।





