Elon Musk की कंपनी Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस अब धीरे-धीरे दुनिया के कई देशों में पहुंच रही है। Starlink सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस के द्वारा बिना तार के सुपरफास्ट इंटरनेट सुविधा प्रदान की जाती है। इसके लिए किसी मोबाइल टावर या ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की जरूरत नहीं होती है। एलन मस्क ने बताया कि Starlink सैटेलाइट इंटरनेट बेस्ड सर्विस का मुख्य उद्देश्य उन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी पहुंचाना है, जहां मोबाइल टावर नहीं लगाए जा सकते हैं और न ही केबल बिछाया जा सकता है।
श्रीलंका में जल्द शुरू होगी सर्विस
Elon Musk की Starlink इंटरनेट सर्विस हाल ही में फिजी में लॉन्च हुई है। अब कंपनी को भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में भी सर्विस लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है। श्रीलंका के प्रेसिडेंट मीडिया डिवीजन (PMD) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी दी है। अपने पोस्ट में स्टेट टेक्नोलॉजी मिनिस्टर कनक हैराथ ने लिखा है कि Starlink को सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस के लिए प्रारंभिक अप्रूवल मिल गया है। पब्लिक कंसल्टेशन प्रक्रिया के बाद कंपनी श्रीलंका में अपनी सर्विस लॉन्च कर सकती है।
मस्क की मुलाकात से मिली मंजूरी
हाल ही में एलन मस्क ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे से इंडोनेशिया में मुलाकात की थी। इंडोनेशिया में आयोजित 10वें वर्ल्ड वाटर फोरम के कार्यक्रम में एलन मस्क और श्रीलंका के राष्ट्रपति ने मुलाकात की थी। विक्रमसिंघे और मस्क की इस मुलाकात की वजह से Starlink को अप्रूवल इतनी जल्दी मिल सकी है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने मस्क को वादा किया था कि जल्द ही देश में सैटेलाइट इंटरनेट के उनके अप्लीकेशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
भारत में भी लॉन्च की योजना
यही नहीं, मस्क भारत में भी अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को लॉन्च करना चाहते हैं। उन्होंने पिछले दिनों इसे लेकर पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। उम्मीद है कि नई सरकार बनने के बाद नया टेलीकॉम बिल लागू किया जाएगा, जिसमें भारत में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस को लेकर नियम बनाए जाएं। इसके बाद मस्क के लिए भारत में अपनी सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने का रास्ता साफ हो जाएगा।