यह सारे शुल्क चुकाता है नियोक्ता
सऊदी में काम कर कामगारों को यह जानना चाहिए कि कई ऐसे शुल्क होते हैं जो केवल नियोक्ता के द्वारा चुकाए जाते हैं। यानी कि उनको अदा करना नियोक्ता की जिम्मेदारी होती है न कि कामगार की। कई नॉन सऊदी प्रवासी कामगारों को इस बात की जानकारी न होने के कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
मंत्रालय ने की है इस बात की पुष्टि
सऊदी के Ministry of Human Resources and Social Development (MHRSD) ने इस बात की जानकारी दी है कि यह सारे शुल्क नियोक्ता के ही द्वारा चुकाए जाते हैं। कामगार को यह सारे शुल्क नहीं चुकाने होते हैं।
जैसे कि कामगार कॉन्ट्रैक्ट के समाप्ति के बाद अगर अपने देश जा रहा है तो उसके रिटर्निंग का टिकट का खर्च नियोक्ता उठाता है। Saudi Labor Law के Article 40 के मुताबिक प्रवासी कामगार के residence (iqama) और वर्क परमिट का शुल्क, इनके रिन्यूअल और इनके रिन्यूअल में हुए देरी की भरपाई आदि भी नियोक्ता ही करता है।
इसके अलावा नियोक्ता को प्रवासी कामगार के accommodation fee, iqama fee, exit re-entry visa fee और प्रोफेशन बदलने में लगा शुल्क सब भरना पड़ता है। तो आप भी अगर काम पर जा रहे हैं तो इस बता का ख्याल रखें कि आपके साथ धोका न हो और आपका नियोक्ता अच्छी तरह अपनी जिम्मेदारी निभाए।