12 अक्टूबर 2025 से शेंगेन क्षेत्र में यात्रा करने वाले लोगों के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नए बदलाव के तहत अब पासपोर्ट पर मुहर लगाने की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी और उसकी जगह नया एंट्री/एग्ज़िट सिस्टम (EES) लागू होगा।
क्या है नया सिस्टम
यूरोपीय संघ (EU) के अनुसार, इस सिस्टम में यात्रियों का नाम, पासपोर्ट विवरण, बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट और फेस स्कैन), साथ ही एंट्री और एग्ज़िट की तारीख व जगह दर्ज होगी। ये सभी जानकारी सुरक्षित रूप से रखी जाएगी और डेटा प्रोटेक्शन नियमों का पालन किया जाएगा।
किन पर लागू होगा?
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यह नियम ग़ैर-ईयू यात्रियों (Non-EU travellers) पर लागू होगा, जो शेंगेन क्षेत्र में 90 दिन तक की छोटी अवधि के लिए आते हैं।
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ईयू नागरिक, शेंगेन रेज़िडेंट्स और लंबे समय का वीज़ा या रेज़िडेंस परमिट रखने वाले लोग इससे प्रभावित नहीं होंगे।
बॉर्डर पर क्या होगा?
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पहली यात्रा (12 अक्टूबर के बाद): बॉर्डर अधिकारी यात्री का विवरण दर्ज करेंगे, चेहरे की तस्वीर लेंगे और फिंगरप्रिंट स्कैन करेंगे।
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अगली यात्रायें: दोबारा पूरा प्रोसेस नहीं करना होगा, सिस्टम में पहले से मौजूद डेटा से एंट्री-एग्ज़िट अपने आप लॉग हो जाएगी।
क्यों हुआ बदलाव
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पासपोर्ट पर हाथ से मुहर लगाने की झंझट खत्म होगी।
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सीमा जांच तेज़ होगी।
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90 दिन की अधिकतम अवधि को ट्रैक कर पाना आसान होगा।
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सुरक्षा और रिकॉर्ड-कीपिंग मज़बूत होगी।
यात्रियों के लिए ध्यान देनें योग्य बातें
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पहली यात्रा के दौरान प्रोसेस लंबा हो सकता है, इसलिए अतिरिक्त समय लेकर चलें।
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एमिरेट्स और एयर अरबिया जैसी एयरलाइंस ने यात्रियों को पहले से अलर्ट कर दिया है।
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यह सिस्टम धीरे-धीरे सभी शेंगेन बॉर्डर पर लागू होगा और अप्रैल 2026 तक पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।




