देश में कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू बंद के बीच प्रवासी श्रमिकों के अपने राज्य लौटने से कई निर्माण कंपनियों का काम समय पर नहीं हो पा रहा है। वे उन्हें वापस बुलाने के लिए विमान टिकट और अतिरिक्त भुगतान का प्रलोभन तक दे रही हैं, लेकिन सब बेकार। गरीब मजदूर अपने गांव से अब किसी भी कीमत पर बाहर आने को तैयार नहीं हैं।

 

हैदराबाद की एक निर्माण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रमिकों की कमी ने कंपनियों को उन्हें वापस बुलाने के लिए प्रलोभन देने पर मजबूर कर दिया है। प्रेस्टिज ग्रुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कंपनी का संचालन हैदराबाद से) आर सुरेश कुमार ने कहा कि उनके ठेकेदारों में से एक ने पटना से 10 बढ़इयों को बुलाने के लिए विमान टिकट देने की पेशकश की है।

उन्होंने कहा कि रियल इस्टेट नियामक रेरा ने ऐसी परियोजनाओं की समयसीमा तो बढ़ा दी है, लेकिन उन जैसी कुछ कंपनियां इसे तय समय में ही पूरा करना चाहती हैं। बेंगलुरु की इस कंपनी की तीन-तीन परियोजनाएं हैदराबाद से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले यहां 2,300 श्रमिक काम करते थे, लेकिन अब 700 ही रह गए हैं।

 

 

आंध्र प्रदेश सिंचाई विभाग ने कहा कि पोलावरम परियोजना में काम करने वाले 1,200 श्रमिक पिछले महीने लॉकडाउन के बाद अचानक घर चले गए, जिसके बाद मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) (काम का ठेका वाली कंपनी) ने श्रमिकों को दूसरे राज्य से लाने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने पर मजबूर कर दिया। अधिकारी ने बताया कि श्रमिकों ने 10,000 रुपये से ज्यादा के भुगतान को भी स्वीकार नहीं किया।GulfHindi.com

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