देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता रखने के लिए सरकार के द्वारा फेम सब्सिडी जारी की गई है जिसके वजह से इलेक्ट्रिक वहां मौजूदा कीमत पर मिल पा रहे हैं. अगर यह सब्सिडी हटा दी जाए तो इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत लगभग दोगुनी हो जाएगी.
नए बजट के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों का सस्ते बिक्री को लेकर नए पंख लगने वाले हैं । देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फेम सब्सिडी को और आगे ले जाने की योजना बनाई जा रही है जिसमें चार पहिया वाहन और दो पहिया वाहन दोनों शामिल होंगे.
- फेम योजना का विस्तार: इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए शुरू की गई फेम योजना का विस्तार संभव है।
- सरकार का विचार: सरकार इस योजना को आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है, एक फरवरी को इससे जुड़े ऐलान संभव।
- योजना की अवधि: फेम योजना की वर्तमान अवधि मार्च 2024 में समाप्त हो रही है।
- उद्देश्य: इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना।
- कीमतों में उछाल की आशंका: अगर योजना आगे नहीं बढ़ाई जाती है, तो इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम 25 से 30 फीसदी तक बढ़ सकते हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़त पर असर: योजना का विस्तार न होने पर इस क्षेत्र की बढ़त सुस्त पड़ सकती है और लोगों का रुझान घट सकता है।
- उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना: सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है, जिससे बैटरियों के दाम कम हो सकते हैं।