दिग्गज अमेरिकी कार कंपनी फोर्ड भारतीय बाजार में फिर से प्रवेश करने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी ने अपने सीईओ जिम फार्ले सहित एक ग्लोबल टीम के साथ भारत के लिए एक नई रणनीति पर काम शुरू किया है। इस रणनीति में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस और एक्सपोर्ट्स के लिए उत्पादन शामिल है। फोर्ड ने 2021 में भारत में अपना कारोबार समेटने का फैसला किया था, लेकिन अब कंपनी यहां दोबारा कदम रखने की योजना बना रही है।
भारत में फोर्ड की वापसी के कारण
रिपोर्ट के अनुसार, फोर्ड का मानना है कि भारत ग्लोबल स्तर पर ऑटो इंडस्ट्री की अगुआई करेगा, खासकर जब पश्चिमी देशों के बाजार स्थिर हो चुके हैं। फोर्ड ने भारत में 2 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया था और इसके इको स्पोर्ट मिनी-एसयूवी (Eco Sport mini-SUV) और फिगो (Figo) जैसी कारें सफल रही थीं। अब फोर्ड के लिए भारत में दोबारा निवेश और विकास का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
नए निवेश और उत्पादन की तैयारी
फोर्ड के भारतीय बाजार में पुनः प्रवेश का अर्थ होगा कि कंपनी नया निवेश करेगी और उत्पादन पर काम करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के विकास और एक्सपोर्ट्स के लिए उत्पादन करना है। कंपनी ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसे फोर्ड के मुख्यालय में समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। फोर्ड को उम्मीद है कि इस प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी।
चेन्नई प्लांट और भविष्य की योजना
फोर्ड ने दिसंबर 2023 में अपने चेन्नई प्लांट को JSW को बेचने का सौदा रद्द कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, अगर फोर्ड भारत में फिर से प्रवेश करने का फैसला करती है, तो उसे अपने चेन्नई प्लांट में उत्पादन शुरू करने में लगभग एक साल का समय लग सकता है। प्लांट और मशीनरी को फिर से कार उत्पादन के लिए तैयार करने के लिए कानूनी पहलुओं के साथ-साथ तकनीकी तैयारी की भी आवश्यकता होगी।