एफपीआई ने दिसंबर में भारत में बड़ी वापसी की है। इस महीने नकदी बाजार में खरीदारी के साथ एफपीआई ने 10874 करोड़ रुपये का निवेश किया। नकदी बाजार में बदलाव का कारण अन्य बैंकों के बीच में ईएम इंडेक्स के पुनर्संतुलन का होना है।
एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कुल निवेश 26,605 करोड़ रुपये है। इसमें एफपीआई का निवेश भी शामिल है। राजनीतिक स्थिरता, अर्थव्यवस्था में मजबूती, मुद्रास्फीति में कमी, अमेरिकी बांड पैदावार में गिरावट और ब्रेंट क्रूड में सुधार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को सकारात्मक बदलाव दिया है। एफपीआई आगे भी इसी प्रवृत्ति में निवेश करने की संभावना रखता है।
एफपीआई ने नवंबर में भारत में 9,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था, लेकिन वे उस समय नकदी बाजार में विक्रेता रहे। लेकिन दिसंबर में नकदी बाजार में बड़ी खरीदारी के साथ एफपीआई ने खरीदार बन गए हैं।
उन्होंने इंटरनेट टेक्नोलॉजी, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल और कैपिटल गुड्स जैसे क्षेत्रों में खरीदारी देखी जा रही है। एफपीआई के मुताबिक, इस प्रवृत्ति का जारी रहने का अपेक्षित अनुमान है।
एफपीआई के निवेश के साथ-साथ भारत में अन्य बैंकों और निवेशकों ने भी नकदी बाजार में खरीदारी की है। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है और इसे आगे बढ़ाने की संभावना है। इसके अलावा, राजनीतिक स्थिरता के संकेत, मुद्रास्फीति में कमी, अमेरिकी बांड पैदावार में गिरावट और ब्रेंट क्रूड में सुधार ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को पक्ष में कर दिया है।