भारत में सोने की कीमत पिछले एक साल में 38% बढ़ चुकी है, जबकि Nifty 50 केवल 3% की बढ़त दे पाया। इतनी जबरदस्त तेजी के बावजूद डॉलर इंडेक्स (DXY) भी 4% ऊपर है, जिससे सोने और डॉलर के बीच परंपरागत उलटा संबंध टूटता दिख रहा है।
ब्रिटेन के बैंक ऑफ इंग्लैंड की तिजोरियों से बड़ी मात्रा में सोना निकाला जा रहा है, क्योंकि निवेशक और केंद्रीय बैंक अब कागज़ी गोल्ड की जगह असली सोना चाहते हैं।
सोने की कीमत कहां तक जाएगी?
- UBS बैंक ने 12 महीनों में गोल्ड का अनुमान $3,000 प्रति औंस कर दिया है।
- Citigroup का मानना है कि यह स्तर तीन महीनों में ही पार हो सकता है।
- केंद्रीय बैंकों की खरीदारी 1,045 मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है, जो 2011-2021 की औसत खरीदारी (500 टन) से दोगुनी है।
Egon Von Greyerz जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि सोने का सही मूल्य अभी पूरी तरह नहीं खुला है। उनका कहना है कि दुनिया में कुल सोने की कीमत $17 ट्रिलियन है, जो सिर्फ टॉप 10 अमेरिकी कंपनियों के कुल मूल्य ($18 ट्रिलियन) से भी कम है। इससे संकेत मिलता है कि सोने का सही मूल्यांकन होना अभी बाकी है।
क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत?
भू-राजनीतिक अनिश्चितता – ट्रेड वॉर और टैरिफ विवादों की वजह से निवेशक सुरक्षित संपत्ति (Safe Haven) की ओर भाग रहे हैं।
डॉलर और मुद्रास्फीति से सुरक्षा – महंगाई और डॉलर में कमजोरी की आशंका से लोग सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी – 2024 में ही 1,000 टन से ज्यादा गोल्ड खरीदा गया, जिसमें RBI ने भी 72.6 टन जोड़ा।
गोल्ड ETF में रिकॉर्ड निवेश – जनवरी में गोल्ड ETF में ₹3,751 करोड़ का निवेश हुआ, जो दिसंबर (₹640 करोड़) से कई गुना ज्यादा है।
क्या सोना $3,000 के बाद रुकेगा?
- 1980 में सोना $1,000 के पास रुक गया था और फिर गहरा सुधार आया।
- 2010 में सोना $2,000 के करीब रुका और फिर बड़ी गिरावट देखी गई।
- अब $3,000 के स्तर पर निवेशक सतर्क हैं कि क्या यह फिर से एक बड़ा रेजिस्टेंस बनेगा?
निवेशक क्या करें?
ICICI Prudential AMC के CIO, एस नरेन का कहना है कि इस समय सोने में पैसा लगाना जोखिम भरा हो सकता है। उनका मानना है कि FD और डेट फंड में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित रहेगा।
क्या आपको लगता है कि सोना $3,000 के पार जाएगा? या फिर गिरावट शुरू होगी? अपनी राय कमेंट करें!