अगर आप अपने पैसों को सुरक्षित जगह निवेश करना चाहते हैं और साथ में टैक्स की बचत भी करना चाहते हैं, तो नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) दो अच्छे विकल्प हो सकते हैं। दोनों में ही 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है और ध्यान देने वाली बात यह है कि दोनों ही इन्वेस्टमेंट ऑप्शन आपको टैक्स छूट भी देते हैं। लेकिन, ब्याज दर, टैक्स पर असर और पैसा बढ़ने का तरीका अलग-अलग होता है।
अब समझते हैं कि आपके लिए कौन सा बेहतर रहेगा।
1️⃣ ब्याज दर (Interest Rate) में क्या फर्क है?
जनवरी-मार्च 2025 के लिए ब्याज दरें इस प्रकार हैं:
| निवेश विकल्प | ब्याज दर (सालाना) |
|---|---|
| NSC (सरकारी योजना) | 7.7% (सालाना कंपाउंडिंग) |
| HDFC/ICICI बैंक FD | 7.0% |
| SBI/PNB बैंक FD | 6.5% |
| DCB बैंक FD | 8.0% |
| IndusInd/Yes बैंक FD | 7.25% |
| Utkarsh बैंक FD | 7.50% |

📌 समझने वाली बात: कुछ बैंक FD में NSC से ज्यादा ब्याज दे रहे हैं, लेकिन हर बैंक का ब्याज अलग होता है। अगर आप FD चुनते हैं तो बैंक का चुनाव सही करना जरूरी है।
2️⃣ टैक्स पर क्या असर पड़ता है? (TDS और टैक्स रूल्स)
| फीचर | NSC | टैक्स-सेविंग FD |
|---|---|---|
| TDS कटता है? | ❌ नहीं | ✅ हां, ₹40,000 से ज्यादा ब्याज होने पर |
| ब्याज पर टैक्स? | ✅ हां, लेकिन पहले 4 साल 80C में छूट मिलती है | ✅ हां, पूरी तरह टैक्सेबल |
| अंतिम वर्ष में ब्याज? | ✅ टैक्स देना होगा (Income from Other Sources में जोड़ना होगा) | ✅ टैक्स देना होगा |
📌 सीधी बात:
✔ NSC में कोई TDS नहीं कटता, लेकिन FD में अगर सालाना ब्याज ₹40,000 से ज्यादा हुआ तो बैंक TDS काट लेगा।
✔ NSC में पहले 4 साल ब्याज पर टैक्स नहीं लगता, क्योंकि उसे दोबारा निवेश माना जाता है, जबकि FD में जो ब्याज मिलता है, वह हर साल टैक्सेबल होता है।
3️⃣ पैसा कैसे बढ़ता है? (Compounding और ब्याज मिलने का तरीका)
- NSC का ब्याज हर साल जुड़ता रहता है और आपको अंत में एक साथ पैसा मिलता है।
- FD में दो तरीके होते हैं:
✅ क्यूमलेटिव FD (ब्याज वापस FD में जुड़ता रहता है, जिससे पैसा जल्दी बढ़ता है)
✅ नॉन-क्यूमलेटिव FD (हर तिमाही या साल में ब्याज निकाल सकते हैं)
📌 समझने वाली बात:
अगर FD में ब्याज तिमाही कंपाउंड होता है, तो इसका प्रभावी ब्याज दर बढ़ जाता है।
- उदाहरण: अगर कोई बैंक 7.5% ब्याज देता है और वह तिमाही कंपाउंड होता है, तो आपका रियल रिटर्न 7.71% हो सकता है।
- यह NSC के 7.7% ब्याज से भी ज्यादा हो सकता है।
4️⃣ लॉक-इन और पैसा निकालने के नियम क्या हैं?
| फीचर | NSC | टैक्स-सेविंग FD |
|---|---|---|
| लॉक-इन अवधि | 5 साल | 5 साल |
| समय से पहले निकासी? | ❌ नहीं (सिर्फ मृत्यु या कोर्ट के आदेश पर) | ❌ नहीं (पूरा 5 साल रखना जरूरी) |
📌 सीधा जवाब: दोनों में पैसा 5 साल से पहले नहीं निकाल सकते।
5️⃣ टैक्स बचाने में कौन ज्यादा फायदेमंद है?
| फीचर | NSC | टैक्स-सेविंग FD |
|---|---|---|
| 80C में छूट? | ✅ हां, ₹1.5 लाख तक | ✅ हां, ₹1.5 लाख तक |
| ब्याज पर छूट? | ✅ पहले 4 साल तक ब्याज टैक्स-फ्री माना जाता है | ❌ ब्याज पर कोई छूट नहीं |
✔ अगर आप टैक्स बचाने की सोच रहे हैं, तो NSC ज्यादा फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि पहले 4 साल तक मिलने वाला ब्याज 80C में टैक्स बचाने में मदद करता है।
✔ FD में ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल होता है, इसलिए ज्यादा टैक्स भरना पड़ सकता है।
📌 अब सवाल – कौन सा बेहतर है?
| फीचर | NSC | टैक्स सेविंग FD |
|---|---|---|
| ब्याज दर | 7.7% | 6.5% – 8% (बैंक पर निर्भर) |
| TDS | ❌ नहीं | ✅ हां (₹40,000+ ब्याज पर) |
| ब्याज की गणना | सालाना कंपाउंडिंग | तिमाही कंपाउंडिंग (बेहतर यील्ड) |
| टैक्स छूट | पहले 4 साल तक 80C में छूट | ❌ ब्याज पर कोई छूट नहीं |
| लॉक-इन | 5 साल | 5 साल |
✔️ NSC कब चुनें?
✅ अगर आपको टैक्स बचाना है और TDS से बचना है।
✅ अगर आप सरकारी गारंटी वाले निवेश को प्राथमिकता देते हैं।
✅ अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और ब्याज का फायदा चाहते हैं।
✔️ टैक्स-सेविंग FD कब चुनें?
✅ अगर आप बैंक में निवेश करना चाहते हैं और बैंक FD की सुविधाएं आपको पसंद हैं।
✅ अगर आप ऐसे बैंक चुन सकते हैं जो ज्यादा ब्याज दे रहे हों (जैसे DCB बैंक 8%)।
✅ अगर आप तिमाही कंपाउंडिंग का फायदा उठाना चाहते हैं।




