दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मामले में मास्टमाइंड सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया। प्राथमिक जांच में पता चला है कि आरोपित करीब छह साल से टूर एंड ट्रैवल के नाम पर गिरोह चला रहे अब तक एक हजार से अधिक लोगों को फर्जी वीजा और पासपोर्ट बनाकर विदेश भेज चुके हैं।
पहचान और दाम
इसके लिए आरोपित 50 हजार से दो लाख रुपये तक लेते थे। गिरफ्तार आरोपितों में हरियाणा के फरीदाबाद के बलदेव राज उर्फ गुरुजी, करनाल के अंश मदान, बलिहार सिंह, कुलदीप सिंह, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के पंकज कुमार शुक्ला और दिल्ली के वसंत कुंज के शिव राम कृष्णन, सुनील बिष्ट, नंदा बल्लभ जोशी हैं। गिरोह का मास्टमाइंड बलदेव राज है। यह गिरोह फर्जी बैंक अकाउंट स्टेटमेंट, आइटीआर आदि बनाने में भी माहिर हैक्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा के मुताबिक, पुलिस टीम को कनाट प्लेस में फर्जी वीजा और पासपोर्ट बनाने संबंधी गुप्त सूचना मिली थी।
Green Tour and Travel था कंपनी का नाम
इसकी जांच के लिए एसीपी नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर पवन कुमार के नेतृत्व के में एसआइ अजय, महिला एसआइ अनुपमा, महावीर समेत अन्य पुलिस कर्मियों की टीम का गठन किया गया। इसके बाद टीम ने कनाट प्लेस के एच ब्लाक में ग्रीन टूर एंड ट्रैवेल के यहां छापा मारकर बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद कर आठ लोगों को दबोच लिया। पुलिस की जांच में पता चला कि गिरोह बलदेव राज उर्फ गुरुजी और शिवा रामा कृष्णन अपने सहयोगी नीरजसुनील और पंकज के साथ चला रहे थेयह गत छह वर्षों से फर्जी दस्तावेज तैयार करके लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठग रहे थे.
यहां फैला है नेटवर्क :
ठगों ने दिल्ली के अलावा हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब गुजरात समेत कई राज्यों में अपना नेटवर्क फैला रखा था। ग्राहकों को लाने के लिए इन राज्यों में अपने एजेंट भी बना रखे हैं। पुलिस उनकी भी तलाश कर रही हैं.
वापस आना होगा प्रवासियों को
फ़र्ज़ी वीज़ा और पासपोर्ट पर गए हुए प्रवासियों को अब दुबारा से वापस भारत आना होगा और सही तरीक़े से उन्हें दोबारा वीज़ा और पासपोर्ट हासिल करना होगा जिसके बाद ही वह फिर अपने कामों पर वापस भी तेज़ लौट पाएंगे अन्यथा उनके ऊपर भी क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.