गर्मी का कहर हर साल बढ़ता जा रहा है। जब तापमान 40 डिग्री पार कर जाता है, तो सड़कों पर काम करने वाली, खेतों में पसीना बहाने वाली और निर्माण कार्य में लगी महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। ऐसे में अब एक योजना आई है जो गर्मी से सीधे पैसे दिलवाएगी – हीटवेव इंश्योरेंस योजना।
🧕 योजना किसके लिए है?
कामकाजी महिलाओं को मिलेगा सीधा लाभ
जो महिलाएं खेती, निर्माण, कचरा उठाने, सब्ज़ी बेचने या किसी भी तरह की मेहनत-मज़दूरी करती हैं और सेल्फ-एम्प्लॉयड विमेन एसोसिएशन (SEWA) की सदस्य हैं, वही इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। उन्हें किसी क्लेम फॉर्म की ज़रूरत नहीं है – सीधा पैसा बैंक खाते में।
💰 कितना पैसा मिलेगा?
तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने पर महिलाओं को ₹400 से ₹1600 तक की बीमा राशि दी जाती है। यह राशि इस पर निर्भर करती है कि आपके जिले में तापमान कितना ऊपर गया।

📍 कहां-कहां लागू है योजना?
2024 में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में शुरू की गई थी, जिसमें 50,000 महिलाओं को शामिल किया गया था।
अब 2025 में इसका विस्तार हुआ है और अब ये योजना राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और जम्मू-कश्मीर की 2.5 लाख महिलाओं तक पहुंच चुकी है।
📊 2024 का असर – जब गर्मी में आया था पैसा
साल 2024 में जब 18 से 25 मई के बीच तापमान 40 डिग्री से ऊपर गया था, तब 50 हजार में से 92% महिलाओं को बीमा भुगतान किया गया था। इसका मतलब – भीषण गर्मी में भी उनकी जेब में थोड़ी राहत पहुंची।
🩺 महिलाओं पर गर्मी का असर क्यों?
गर्मी के कारण महिलाओं को चकते, सिरदर्द, यूटीआई और यहां तक कि गर्भपात जैसी गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह बीमा योजना स्वास्थ्य सुरक्षा और आर्थिक मदद दोनों का काम करती है।
🗣️ क्या कहते हैं सीआरए के सीईओ?
सीआरए के सीईओ कैथी बॉघमैन मैक्लॉड कहते हैं कि यह बीमा योजना और नकद सहायता मिलकर महिलाओं को भीषण गर्मी में जीने और कमाने का विकल्प दे रही है। जलवायु परिवर्तन महिलाओं को गरीबी की ओर धकेल रहा है, और यह बीमा उन्हें उस दलदल से बाहर लाने का एक प्रयास है।




