79 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 127 वीरता पुरस्कार और 40 विशिष्ट सेवा पुरस्कारों को मंजूरी दी। इनमें ऑपरेशन सिंदूर में साहसिक भूमिका निभाने वाले नौ वायुसेना और चार थलसेना के जवानों सहित 13 कर्मियों को वीर चक्र प्रदान किया गया। यह ऑपरेशन मई में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए चलाया गया था।
वीर चक्र पाने वाले जवान
वीर चक्र पाने वालों में ग्रुप कैप्टन रंजीत सिंह सिद्धू, ग्रुप कैप्टन मनीष अरोड़ा, ग्रुप कैप्टन अनीमेश पत्नी, ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा, विंग कमांडर जॉय चंद्रा, स्क्वाड्रन लीडर सार्थक कुमार, स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह, स्क्वाड्रन लीडर रिज़वान मलिक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर्शवीर सिंह ठाकुर (वायुसेना) शामिल हैं, जबकि सेना से कर्नल कोशांक लांबा, लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट, नायब सूबेदार सतीश कुमार और राइफलमैन सुनील कुमार को यह सम्मान मिला।
कीर्ति चक्र, वीर चक्र, शौर्य चक्र सहित कई मेडल से किया गया सम्मानित
इसके अलावा सात शीर्ष सैन्य अधिकारियों को असाधारण संचालन योजना, समन्वय और क्रियान्वयन के लिए सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक प्रदान किया गया। चार थलसेना कर्मियों को कीर्ति चक्र, आठ को शौर्य चक्र, जबकि नौसेना के दो और वायुसेना के एक अधिकारी को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। कुल मिलाकर राष्ट्रपति ने 4 कीर्ति चक्र, 15 वीर चक्र, 16 शौर्य चक्र, 2 बार टू सेना मेडल, 58 सेना मेडल, 6 नौ सेना मेडल, 26 वायु सेना मेडल, 7 सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल, 9 उत्तम युद्ध सेवा मेडल और 24 युद्ध सेवा मेडल प्रदान किए। साथ ही 290 ‘मेंशन-इन-डिस्पैचेस’ की भी घोषणा की गई, जिसमें सेना के 115, नौसेना के 5, वायुसेना के 167 और सीमा सड़क संगठन के 3 कर्मियों के नाम शामिल हैं।




