पूरी दुनिया में दुबई अपनी ऊंची-ऊंची इमारतों, बेहतरीन स्कूलों और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन एक और वजह से यह जगह खास है यहां कोई व्यक्तिगत इनकम टैक्स नहीं लगता। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना टैक्स लिए दुबई अपनी शानदार सड़कें, अस्पताल और सुरक्षा व्यवस्था कैसे संभालता है?
भारत में यूएई के राजदूत डॉ. अब्दुलनासिर अलशाली ने हाल ही में राज शमानी के पॉडकास्ट में इस राज़ को समझाया। उन्होंने बताया, “यहां का मॉडल अलग और अनोखा है। कुछ पैसा तेल और गैस से आता है, फिर एक फेडरल बजट होता है और अलग-अलग अमीरात का अपना लोकल बजट भी। मंत्रालय खुद भी पैसे कमाते हैं, जैसे विदेश मंत्रालय दस्तावेज़ों की सत्यापन फीस से कमाई करता है।”
राजदूत के अनुसार, इस सिस्टम में कई स्रोतों से आय होती है। लोग और कंपनियां अलग-अलग सेवाओं के लिए शुल्क देते हैं जैसे व्यापार लाइसेंस लेना, प्रॉपर्टी का मूल्यांकन, या रजिस्ट्रेशन। ये सारी फीस लोकल बजट में जाती है और वहीं से खर्च होती है। दुबई ने तेल और गैस पर पूरी तरह निर्भर रहने के बजाय व्यापार, पर्यटन, रियल एस्टेट, वित्तीय सेवाएँ और लॉजिस्टिक्स जैसे कई सेक्टरों में बड़ी कमाई के रास्ते बनाए हैं।
डॉ. अलशाली ने कहा, “यह जादू नहीं है बल्कि एक योजना है। ढेरों स्रोतों से आय आती है और उसी से सुरक्षित माहौल, शानदार सड़कें, अस्पताल और स्कूल चलते हैं। लोग सीधे उन सेवाओं के लिए भुगतान करते हैं जिनका वे इस्तेमाल करते हैं, और बदले में तुरंत उसका फायदा देखते हैं।” इस तरह दुबई एक ऐसा शहर बना है जहां बिना इनकम टैक्स दिए लोग आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षित जीवन का आनंद ले पाते हैं।




