वर्तमान में हमारा देश आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने के समय पर है, इसलिए हमें अपनी आमदनी दिखाने और उस पर टैक्स भरने की आवश्यकता होती है. हमारे देश के नागरिकों की आय विभिन्न स्रोतों से होती है – कुछ लोग देश में रहकर कमाते हैं, जबकि कुछ विदेश में रहकर पैसे कमाते हैं.
विदेश में नौकरी करने और आयकर
जो लोग कुछ समय भारत में नौकरी करते हैं और फिर विदेश जाते हैं, उनके सामने आमतौर पर एक सवाल उठता है कि क्या उन्हें भारत में आयकर भरना होगा? अगर हां, तो उन्हें इसे कैसे और किन बातों का ध्यान रखकर भरना चाहिए?
यदि किसी वित्त वर्ष में आप 182 दिन तक देश (भारत) में रहते हैं तो आपको रेजिडेंट माना जाता है और रेजिडेंट इंडियन की ग्लोबल इनकम, अर्थात दुनियाभर में की गई कमाई, टैक्स के दायरे में आती है. यानी कि आपकी देश और विदेश दोनों जगह कमाई पर आयकर देना होगा.
आयकर रिटर्न भरते समय क्या ध्यान देना होगा?
विदेश में मिली सैलरी को Income From Salary Head में दिखाना होगा. आपको फॉरेन करेंसी में मिली सैलरी को रुपये में कन्वर्ट करना होगा और इम्प्लॉयर की डिटेल देनी होगी. अगर इस सैलरी पर किसी तरह का टैक्स कटा है तो आपको इसको रिटर्न में दिखाकर टैक्स क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं.
डबल टैक्सेशन और कैसे बचें?
डबल टैक्सेशन अवॉइडंस एग्रीमेंट (DTAA) का फायदा लेकर आप दोहरे टैक्स से बच सकते हैं. यदि आप जिस देश में नौकरी कर रहे हैं, उसके साथ भारत की DTAA नहीं है, तो आप सेक्शन 91 के तहत राहत प्राप्त कर सकते हैं.
ध्यान देने वाली अन्य बातें
विदेश में कोई संपत्ति या बैंक अकाउंट होने पर इसकी सही जानकारी आयकर विभाग को देनी चाहिए. इसे नहीं करने पर आपको डिस्क्लोजर का नोटिस मिल सकता है.
आयकर डिपार्टमेंट ने भी इस विषय पर टैक्सपेयर्स को चेतावनी दी है. यदि आपने ऐसा न डेडलाइन से पहले आपको अपना रिटर्न जमा करना होगा.
महत्वपूर्ण सूचना तालिका
अवधारणा | विवरण |
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आयकर रिटर्न भरने की अवधि | 31 जुलाई 2023 |
रेजिडेंट भारतीय | 182 दिन तक भारत में रहने पर |
इनकम टैक्स का दायरा | देश और विदेश दोनों जगह की कमाई |
रिपोर्ट करने का तरीका | विदेश में मिली सैलरी को Income From Salary Head में दिखाना |
टैक्स क्रेडिट क्लेम | डबल टैक्सेशन अवॉइडंस एग्रीमेंट (DTAA) या सेक्शन 91 के तहत |
टैक्स छूट | 80C या 80D के तहत की गई निवेश के माध्यम से |
नोटिस | विदेश में संपत्ति या बैंक अकाउंट की ठीक-ठाक जानकारी न देने पर |
पेनल्टी | अघोषित विदेशी आय व संपत्ति पर 10 लाख रुपये की पेनल्टी |