Income tax 139(1) mandatory filling. आयकर अधिनियम के तहत धारा 139 (1) के सातवें प्रावधानों के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों में आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक होता है। इन प्रावधानों का पालन करने वाले व्यक्ति को धारा 139 (1) के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है, तो उसे विलंब शुल्क भुगतान करना पड़ सकता है। इसलिए, आपको धारा 139 (1) के प्रावधानों को समझने और इनका पालन करने की आवश्यकता होती है।
इस धारा के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए निम्नलिखित परिस्थितियों को पूरा किया जाना चाहिए:
- बैंकिंग कंपनी या सहकारी बैंक में जमा की गई राशि: यदि कोई व्यक्ति एक या अधिक चालू बैंक खातों में 1 करोड़ रुपये या इससे अधिक राशि जमा करता है, तो उसे धारा 139 (1) के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा।
- विदेश यात्रा के लिए खर्च: यदि कोई व्यक्ति अपने या किसी अन्य व्यक्ति के लिए विदेश यात्रा करने के लिए 2 लाख रुपये या इससे अधिक राशि खर्च करता है, तो उसे धारा 139 (1) के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा।
- बिजली की खपत के लिए खर्च: यदि कोई व्यक्ति बिजली की खपत के लिए 1 लाख रुपये या इससे अधिक राशि खर्च करता है, तो उसे धारा 139 (1) के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा।
- अन्य निर्धारित शर्तों का पूरा होना: इसके अलावा, धारा 139 (1) के अन्य निर्धारित प्रावधानों का भी पूरा होना चाहिए। इन प्रावधानों को पूरा करने वाले व्यक्ति को भी आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा।
इसलिए, यदि ऊपर दिए गए किसी भी परिस्थिति के कारण आपको धारा 139 (1) के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है, तो सुनिश्चित करें कि आप अपना आयकर रिटर्न समय सीमा से पहले दाखिल करते हैं। विलंबित आयकर रिटर्न पर आपको विलंब शुल्क भुगतान करना पड़ सकता है।
Income tax 139(1) mandatory filling के प्रावधान
प्रावधान | परिभाषा |
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बैंक या सहकारी बैंक में जमा | 1 करोड़ रुपये या इससे अधिक जमा की राशि |
विदेश यात्रा के लिए खर्च | 2 लाख रुपये या इससे अधिक खर्च की राशि |
बिजली की खपत के लिए खर्च | 1 लाख रुपये या इससे अधिक खर्च की राशि |
अन्य निर्धारित शर्तों का पूरा होना | धारा 139 (1) के अन्य निर्धारित प्रावधानों का पालन |
इस प्रकार, आपको धारा 139 (1) के प्रावधानों को समझने और उनका पालन करने की आवश्यकता होती है ताकि आप आयकर रिटर्न समय पर दाखिल कर सकें और विलंब शुल्क से बच सकें।