आयकर विभाग (I-T) अब सिर्फ टैक्स देने वालों से ही नहीं, बल्कि कई सेक्टरों में तीसरे पक्ष से भी जानकारी जुटा रहा है। वित्तीय सेवाएं, हॉस्पिटैलिटी, हेल्थकेयर, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग और टेलीकॉम जैसी इंडस्ट्रीज़ में टैक्स अधिकारियों ने कंपनियों से लेन-देन के डिटेल्स मांगने शुरू कर दिए हैं।
इसका मकसद टैक्स चोरी, गलत रिपोर्टिंग और पैसों की गड़बड़ी को पकड़ना है। इन कंपनियों द्वारा किए गए दावों की जांच अब उनके व्यावसायिक साझेदारों से पूछताछ करके की जा रही है।
सेक्शन 133(6) का बढ़ता इस्तेमाल: कई सेक्टर जांच के घेरे में
आयकर विभाग ने Income Tax Act की धारा 133(6) के तहत कई बड़े बिज़नेस से जानकारी मांगी है। उदाहरण के लिए:
- म्यूचुअल फंड हाउस – जिन लोगों पर टैक्स चोरी का संदेह है, उनके निवेश और भुगतान के तरीकों की जानकारी मांगी गई।
- रियल एस्टेट – प्रॉपर्टी खरीदारों से सौदे के साइज की पुष्टि करने के लिए बिल्डरों के बुक्स से मिलान करने को कहा गया।
- होटल्स – कंपनियों द्वारा सेमिनार हॉल बुक करने और पेमेंट की वैधता की पुष्टि करने को कहा गया।
- टेलीकॉम और DTH कंपनियां – बड़े डेटा खरीद मामलों की पुष्टि करने को कहा गया।
- हॉस्पिटल्स और मेडिकल डिवाइसेस – स्टेंट और मेडिकल उपकरण बेचने वाले सप्लायर्स से मुनाफे की जानकारी मांगी गई, क्योंकि संदेह है कि कई अस्पतालों ने ‘फ्रंट कंपनियों’ के जरिए अतिरिक्त मार्जिन छिपा रखा है।
कंपनियों के कर्मचारियों से भी मांगी गई जानकारी
कुछ मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के कर्मचारियों से पूछा गया है कि क्या उन्हें वास्तव में सैलरी मिली है। ये कंपनियां सेक्शन 80JJAA के तहत कर लाभ का दावा कर रही थीं, जो रोजगार सृजन पर टैक्स छूट देता है।
नोटिस की बाढ़: कम समय में जवाब देना बड़ी चुनौती
इस साल नोटिस भेजने का पैटर्न भी बदला हुआ है। आमतौर पर दिसंबर में नोटिस भेजे जाते थे, लेकिन इस बार फरवरी और मार्च 2025 में भेजे गए। कंपनियों को सिर्फ 2-5 दिन में जवाब देने को कहा गया, जिससे उनके लिए समय पर सटीक जानकारी देना मुश्किल हो सकता है।
मार्च डेडलाइन का दबाव: बड़े मामलों में तेजी
मार्च 2025 की समय-सीमा के कारण विभाग ने कई नोटिस तेजी से जारी किए:
- AY 2023-24 (वित्तीय वर्ष 2022-23) के मामलों की स्क्रूटनी 31 मार्च 2025 तक पूरी होनी है।
- AY 2019-20 के मामलों में 50 लाख रुपये से अधिक की टैक्स चोरी का संदेह होने पर मार्च के अंत तक नोटिस भेजने जरूरी हैं।
- AY 2021-22 में 50 लाख रुपये से कम की संभावित गड़बड़ी के लिए भी नोटिस मार्च तक जारी करने होंगे।
CA अशिष करुंडिया के अनुसार,
“इस साल कई मामलों में टैक्स विभाग ने केवल करदाता से ही नहीं, बल्कि उसके बिजनेस पार्टनर्स और अन्य कंपनियों से भी जानकारी मांगी है। जवाब देने के लिए बहुत कम समय दिया गया, जिससे सही डेटा देना मुश्किल हो सकता है। इससे गलत टैक्स डिमांड उठ सकती है, जो आगे चलकर टिकाऊ नहीं रहेगी।”
विदेशी लोन और टैक्स ट्रिटीज़ भी जांच के दायरे में
कई नोटिस उन कंपनियों को भेजे गए हैं, जिन्होंने विदेशी संस्थाओं से लोन लिया है। विदेश में स्थित लेंडर्स को कम टैक्स कटौती का फायदा मिलता है, लेकिन अगर उन्होंने उसी कंपनी में इक्विटी इन्वेस्टमेंट भी किया है, तो विभाग ट्रांजैक्शन की प्रकृति और टैक्स बचाने की संभावनाओं को देख रहा है।
टैक्सपेयर्स के लिए क्या जरूरी?
- विजिलेंट रहें – कोई भी संदिग्ध वित्तीय गतिविधि आपको सेक्शन 133(6) के तहत नोटिस दिला सकती है।
- सही दस्तावेज रखें – आय और खर्च के रिकॉर्ड सही तरीके से संभालकर रखें।
- टाइम पर जवाब दें – कम समय में नोटिस का जवाब देना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए समय रहते तैयारी करें।
- अपडेटेड रिटर्न फाइल करें – अगर विभाग ने गलती बताई है, तो जल्दी से अपडेटेड टैक्स रिटर्न फाइल करना बेहतर रहेगा।