जब आप नौकरी करते हैं, तो आपकी सैलरी से टैक्स काटा जाता है जिसे TDS (Tax Deducted at Source) कहते हैं। इसी तरह, कुछ खास तरह के खर्चों पर भी टैक्स काटा जाता है जिसे TCS (Tax Collected at Source) कहते हैं।
अब, नए नियमों की बात:
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फॉर्म 12BAA: यह एक नया फॉर्म है जो आपको अपने नियोक्ता को देना होगा। इसमें आपको अपने सभी TDS और TCS की जानकारी भरनी होगी, जैसे कि कितना टैक्स काटा गया, किस मद में काटा गया, आदि। इससे आपके नियोक्ता को आपकी सैलरी से सही मात्रा में TDS काटने में मदद मिलेगी।
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नाबालिग बच्चों का TCS क्रेडिट: मान लीजिए आपके बच्चे के नाम से कोई निवेश है और उस पर TCS कटा है। पहले, यह TCS क्रेडिट आपके बच्चे के ही खाते में जाता था, लेकिन अब आप (माता-पिता) अपने टैक्स रिटर्न में इस क्रेडिट का दावा कर सकते हैं क्योंकि बच्चे की आय आपके साथ क्लब होती है।
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किसी और के PAN पर TCS क्रेडिट: मान लीजिए आपने अपने भाई के लिए एक गाड़ी खरीदी और उस पर TCS कटा। पहले, यह TCS क्रेडिट आपके खाते में जाता था, भले ही गाड़ी आपके भाई की हो। लेकिन अब, नए नियम के तहत, आप यह TCS क्रेडिट अपने भाई के PAN कार्ड में ट्रांसफर कर सकते हैं।
इन बदलावों से आपको क्या फायदा होगा?
- सही TDS कटौती: फॉर्म 12BAA के जरिए आपकी सैलरी से सही मात्रा में TDS कटेगा, जिससे आपको रिफंड का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- बच्चों के TCS का इस्तेमाल: अब आप अपने बच्चों के TCS क्रेडिट का इस्तेमाल करके अपनी टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं।
- TCS क्रेडिट का सही इस्तेमाल: अगर आपने किसी और के लिए खर्च किया है, तो अब TCS क्रेडिट उस व्यक्ति को मिलेगा जिसका खर्चा है।
मालिक, उम्मीद है अब आपको नए टैक्स नियम और अच्छे से समझ आ गए होंगे। अगर कोई और सवाल हो तो बेझिझक पूछिए! 😊