देशभर में इनकम टैक्स चोरी रोकने के लिए स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन (SFT) जैसी सेवाओं को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के तरफ से लागू किया जा चुका है. विभाग ने टैक्स चोरी के ऊपर लगाम लगाने के लिए नई व्यवस्थाओं को अमल में लाया है.
बैंक के तरफ से प्रतिवर्ष इनकम टैक्स विभाग को SFT भेजा जाता है. बैंक डिटेल अगर इनकम टैक्स विभाग को समय पर नहीं भेजता है तो उसे प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माने का सामना करना पड़ता है इसके साथ हैं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी उस पर कार्यवाही कर सकता है.
अगर आपके भी खाते में कुछ इस प्रकार के लेनदेन हुए हैं तो आपको ध्यान रखने की जरूरत है.
- बैंक के बचत खाते में 10 लाख से ज्यादा नकद या जमा, चालू खाते से 50 लाख से ज्यादा की निकासी या डिपॉजिट
- 10 लाख से ज्यादा की बैंक एफडी और क्रेडिट कार्ड से 1 लाख से ज्यादा का पेमेंट
- 10 लाख से ज्यादा म्यूचुअल फंड में निवेश, बॉन्ड, शेयर्स या डिबेंचर्स ट्रांजेक्शन
- क्रेडिट या करेंसी कार्ड से 10 लाख से ज्यादा विदेशी मुद्रा के लेनदेन पर
अगर इन सारे बनाए गए पैरामीटर पर आपकी खामियां पाई जाती हैं तो इनकम टैक्स विभाग के तरफ से आपके ऊपर कभी भी नोटिस आ सकता है और साथ ही साथ नोटिस का सही उत्तर नहीं पाने पर कार्यवाही भी हो सकती हैं.