भारत सरकार ने फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस बुलाने के लिए चरणबद्ध तरीके से 7 मई से वायुयान और नेवी के जहाज को कार्य पर लगा दिया है.

फंसे हुए नागरिकों को वायुयान और जहाज से वापस देश लाने की बात साफ हो गई है. दूतावास ने फंसे हुए भारतीय नागरिकों का लिस्ट तैयार कर लिया है. यह सेवा अब तक मिली जानकारी के अनुसार पेमेंट आधारित है अर्थात इस सेवा के लिए पैसे देने होंगे. बचाव के लिए कमर्शियल फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
फ्लाइट पर चढ़ने से पहले सब की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी और हर तरीके से सही पाए गए यात्रियों को ही केवल यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी. यात्रा के दौरान सारी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और सिविल एविएशन मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए प्रोटोकॉल को हर हाल में मानना होगा.

भारत पहुंचने के साथ ही सबको आरोग्य सेतु एप में खुद को रजिस्टर करना होगा और फिर से वहां पर सब की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी. तत्पश्चात सब को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा जिसके लिए उन्हें हॉस्पिटल या अन्य जगह पर क्वॉरेंटाइन किया जाएगा और उसके लिए अब तक मिली जानकारी के अनुसार पैसे देने पड़ेंगे. इस मामले में राज्य सरकार सहयोग करेगी.
14 दिनों बाद फिर से कोविड-19 टेस्ट किया जाएगा और उसके उपरांत लोगों को हेल्थ प्रोटोकॉल के आधार पर क्वॉरेंटाइन भेजने का निर्णय दिया जाएगा.

भारत का विदेश मंत्रालय और सिविल एविएशन मंत्रालय जल्द इस बारे में सूचना अपने आधिकारिक वेबसाइट पर जारी करने वाला है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार को इस बाबत जानकारी साझा किया जा चुका है जिसमें टेस्टिंग क्वॉरेंटाइन और उसके उपरांत आगे के सफर के लिए उनका राज्य सरकार निर्णय और व्यवस्था करेगा.GulfHindi.com
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