संयुक्त अरब अमीरात आधारित एयरलाइन कंपनियों को चार्टर्ड फ्लाइट के लिए भारत ने प्रतिबंध लगा दिया हैं. इसके साथ ही सैकड़ों की संख्या में प्रवासियों के घर जाने के सपने टूट गये हैं. भारत ने सीधे तौर पर प्रतिबंध ना लगाते हुए Permission देना बंद कर दिया हैं, जिस से ये Flight वहाँ नही जा सकती हैं.
भारत के द्वारा वन्दे भारत मिशन के द्वारा चलाए जा रहे flight में सीटें लिमिटेड हैं और इसमें सीट मिल पाना अति कठिन. इस मिशन में केवल भारतीय AIRLINE सेवाएँ दे रही हैं.
अधिकांश भारतीय अपनी नौकरी खो चुके हैं और कोरोना के बीच नई नौकरी की उम्मीदें भी ख़त्म हो गयीं हैं. भारतीय प्रवासी घर वापस पहुँचना चाहते हैं, लेकिन भारत सरकार के नए व्यवस्था ने सबका कमर तोड़ दिया हैं.
UAE से गर्भवती महिलाएँ, बुजुर्ग लोगों अपने वतन वापस जाना चाहते हैं लेकिन मिशन के द्वारा ले जाना उन्हें सम्भव नही हैं. मिशन के द्वारा सारे Destination भी उपलब्ध नही हैं.
जब भारत ने रिपेट्रिएशन फ्लाइट मई में शुरू किया तब टिकट के लिए मारामारी शुरू हो गई और शुरुआती दौर में टिकट केवल उन्हीं यात्रियों को दिया जा रहा था जो आपातकालीन स्थिति में थे. चार्टर्ड फ्लाइट के शुरू होने के साथ ही वह भारतीय भी अपने देश वापस लौटने लगे जो टिकट खरीद सकते थे और इस बात में लाखों की संख्या में फंसे भारतीयों के लिए एक नई किरण जैसी थी.
इसके साथ ही कम्युनिटी ग्रुप और वालंटियर ने मिलकर चार्टर्ड फ्लाइट में उन लोगों के भी टिकट का व्यवस्था किया जो लोग टिकट के पैसे की व्यवस्था नहीं कर सकते थे. कई व्यवसाई ने सैकड़ों भारतीय कामगारों के टिकट का पैसा खुद दिया.
चार्टर्ड फ्लाइट ने उन जगहों के लिए भी यात्राएं दी जहां पर भारतीय मिशन के द्वारा संभव नहीं था जैसे कि श्रीनगर और गुवाहाटी.
लेकिन 2 जुलाई को भारतीय मंत्रालय ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया जब उसने चार्टर्ड फ्लाइट के परमिशन को देना बंद कर दिया, सैकड़ों की तादाद में चार्टर्ड फ्लाइट पकड़ने के लिए हवाई अड्डे पर प्रवासी कामगार पहुंच चुके थे लेकिन भारत सरकार के द्वारा परमिशन ना देने की वजह से लोग अब फंस गए हैं.
कई भारतीय अपना संयुक्त अरब अमीरात में सबकुछ बेचकर एयरपोर्ट पर पहुंचे थे और अब उनके सरकार के द्वारा दिए गए फैसले के बदौलत उनका अब सब कुछ दांव पर लग गया है.
लेकिन अब चाहे जो भी हो भारत को चार्टर्ड फ्लाइट सेवाओं को शुरू करने की हरी झंडी हर हाल में देनी होगी क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात अब और बेतुके रवैया के वजह से प्रवासी कम्युनिटी की यह स्थिति अपने देश में और नहीं देख सकता.GulfHindi.com