भारत और सऊदी के रिश्ते काफी अलग मायने रखते हैं लेकिन अब जो नए हालात बन रहे हैं वह काफी अलग है. मामला अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट और तेल के व्यापार के इर्द-गिर्द घूम रहा है आइए एक बुरी नजर डालते हैं कि पूरे आकलन पर.
सऊदी ने भारत पर किया तीखा कॉमेंट.
भारत में तेल के दामों में कटौती करने के लिए सऊदी अरब के द्वारा अध्यक्षता किए जा रहे OPEC को उत्पादन को बढ़ाने के लिए भारत ने दर्ज किया था लेकिन इस बार मामला बिगड़ गया जब सऊदी अरब के बिन सलमान के तरफ से यह बयान आया कि ओपेक से उत्पादन बढ़ाने के बजाय भारत उन तेलों का प्रयोग करें जो उसने गिरे हुए दाम पर खरीद कर अपने यहां भंडार कर रखा है.
इस बयान को लेकर भारतीय मंत्री ने कहा कि यह कूटनीतिक तरीके से बिल्कुल भी ठीक नहीं है और यह एक तरीके से किसी देश के आंतरिक व्यवस्थाओं के ऊपर उंगली उठाने जैसा है और किसी भी देश को यह हक नहीं है कि वह किसी और देश के ऐसे मामलों में इस प्रकार की टिप्पणियां करें.
भारत ने भी दूसरे जगह से आयात शुरू किया.
इस बयान के कई मायने निकले और इसके बाद भारत ने तेल से आयात में कटौती करने के लिए अन्य देशों से इंपोर्ट करना शुरू कर दिया है जिसमें गुयाना से निकली तेल इंपोर्ट कि जल्द ही भारत में पहुंच जाएगी.
भारत तेल का काफी बड़ा आयातक देश है और लगभग अपने उपयोग का 80% तेल भारत आयात करता है. अगले 15 से 20 सालों में 2 गुना हो जाएगा कोई भी देश भारत जैसे बड़े उपभोक्ता को नहीं खोना चाहेगा.
भारतीय प्रवासी international Flight को लेकर बेसुध.
भारत के लाखों मजदूर वर्ग के लोग और मध्यमवर्गीय सऊदी अरब में अपना नौकरी पेशा करते हैं. सऊदी अरब ने एक लॉकडाउन लगाया जो अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट के ऊपर में भारतीय प्रवासियों को सीधे तौर पर सऊदी अरब में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया. भारतीय प्रवासी अपनी नौकरी के खातिर घर की खेत बेचकर और ज्यादा इंटरेस्ट पर लोन लेकर भी अन्य मार्गो जैसे संयुक्त अरब अमीरात ओमान के जरिए सऊदी अरब आने लगे कुछ दिन तो यह सिलसिला चलता रहा लेकिन बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों के वजह से इन देशों में भी हालात अलग हो गए और सऊदी के रूट वाले फ्लाइट के ऊपर प्रतिबंध लग गया और फल स्वरुप भारतीय प्रवासियों को बड़ा निराशा हाथ लगा.
भारतीय कामगारों को कोई मदद नही.
भारतीय प्रवासी अपने भारतीय मंत्रियों को लगातार ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से इस गंभीर विषय की जानकारी देते रहे हैं और अब तक लगातार उनसे आग्रह करते रहे हैं कि सऊदी अरब के लिए फ्लाइट व्यवस्थाओं को शुरू करने की बात शुरू की जाए और इसे जल्द बहाल किया जाए क्योंकि उनको अब घर चलाने के लिए कोई राशि सेस नहीं है.
प्रवासियों को मिला हैं केवल बेरुख़ी.
लेकिन अब तक भारतीय प्रवासियों को इसमें केवल बेरुखी ही हाथ लगी है और किसी भी प्रकार से उन्हें अब तक कोई ऐसा तोहफा हाथ नहीं आया है जिससे उनकी सऊदी में गई नौकरी दोबारा से शुरू हो सके. रही बात सऊदी अरब की तो सऊदी अरब में नेपाल जैसे देश को अभी प्रवेश के लिए प्रतिबंधित सूची से बाहर रखा है लेकिन भारत को प्रतिबंधित कर रखा है और ना ही इस पर कोई सुनवाई कर रहा है जो अपने आप में एक बड़ा सवाल है.
और लम्बा हो सकता हैं फ़्लाइट प्रतिबंध.
दिनों से लगातार सऊदी अरब में कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं और इस बीच सऊदी अरब अपने सख्त रवैया को दोबारा से दोहरा सकता है जिसमें अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट को खोलने के बजाय और लंबा खींचा जा सकता है.
और अंत में…
Gulhindi.com भी चाहता है कि उन प्रवासियों और लोगों के बारे में सरकारों को सोचना चाहिए जो लोग अपने आपको कोरोना वायरस से बचाने के लिए तो चले गए लेकिन अब भूख और परिवार की जरूरतों से खुद को बचाने के लिए भी हताश हो चुके हैं. सोचना चाहिए कि अब इनके पास कुछ भी नहीं है और इनकी उम्मीद तो बस एक काम थी जो अब धुंधली होते जा रही हैं.