Tejas Fighter Jet: पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद इंडियन एयरफोर्स को इस महीने के अंत तक नए फाइटर जेट्स मिलने वाले हैं. इंडियन एयरफोर्स को तीन मॉडर्न I-STAR (इंटेलिजेंस, सर्विलांस, टारगेट एक्विजिशन एंड रिकॉनिसेंस) स्पाय एयरक्राफ्ट मिलेंगे. जिनकी लागत 10 हजार करोड़ रुपए की बताई जा रही है. इस एयरक्राफ्ट के मिलने के बाद भारत अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल जैसे चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास यह टेक्नॉलॉजी उपलब्ध है.
तेजस का नया वैरिएंट इजरायली टेक्नोलॉजी से लैस होगा. दो साल पहले ही इस लड़ाकू विमान की डिलीवरी होने वाली थी लेकिन अमेरिकी इंजन में देरी होने की वजह से फाइटर जेट की डिलीवरी में देर हो रही थी.
Tejas Fighter Jet: इंडियन एयरफोर्स की ताकत में होगा इजाफा
नए लड़ाकू विमानों के मिलने से इंडियन एयरफोर्स की ताकत में इजाफा होगा. साथ ही इजायली टेक्नोलॉजी ने विमानों की ताकत को और अधिक बढ़ा दिया है. I-STAR स्पाय एयरक्राफ्ट की सहायता से इंडियन एयरफोर्स को दुश्मन के जमीनी ठिकानों जैसे रडार स्टेशनों, एयर डिफेंस सिस्टम और मोबाइल टारगेट्स की सही जानकारी मिलेगी. ये तीनों एयरक्राफ्ट विदेशी कंपनियों जैसे बोइंग और बॉम्बार्डियर से खुले टेंडर के माध्यम से खरीदे जायेंगे लेकिन इनके अंदर लगने वाले सभी सिस्टम पूरी तरह स्वदेशी यानि की भारतीय होंगे.
इजरायल ने तेजस जेट को बना डाला बहुत घातक
जिन 83 तेजस फाइटर जेट्स को बनाया जा रहा है उन सभी में करोड़ों की लागत वाले इजरायली सिस्टम्स इंटीग्रेट किए जा रहे हैं. इजरायल की कंपनी ने इस सिस्टम को भारतीय ‘मेक इन इंडिया’ नीति की तहत बनाया गया है. तेजस A1 वैरिएंट में अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम शामिल किया गया है. यह जेट दुश्मन रडार और मिसाइल को बेअसर करने में पूरी तरह से सक्षम होगा. इसको भी इजरायली कंपनी एल्टा ने ही अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बनाया है. इसके अतिरिक्त पायलट्स को हेलमेट-माउंटेड साइट मिलेगा, यानि वो किसी टरगेट को अपनी आंखों से सिग्नल देकर मार सकेंगे. आपको बता दें कि इसे भी इजरायल की कंपनी एल्टा ने ही बनाया है. तेजस A1 वैरिएंट में इजरायली रफायल कंपनी की Derby रडार-गाइडेड मिसाइलें तैनात की जायेंगी. सबसे खास बात यह है कि इन सभी सिस्टम्स को भारत में ही स्थानीय कंपनियों के साथ पार्टनरशिप में बनाया गया है.
इजरायली एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर पहले से ही काफी मजबूत है. यही वजह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान से हो रहे संघर्ष के दौरान भारत ने चीन के कम से कम 8 पीएल-15 मिसाइलों को बेअसर कर दिया था. इसके अलावा पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को मारने में भी इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर ने अहम भूमिका निभाई थी. तेज फाइटर जेट्स में इजरायली एडवांस टेक्नोलॉजी का अधिक इस्तेमाल किया गया है. ऐसे में स्पष्ट है कि भारत और इजरायल के बीच मजबूत डिफेंस पार्टनरशिप है.




