कई भारतीय खाड़ी देशों का रुख करते हैं
अपनी रोजी रोटी चलाने और अपने परिवार का पेट भरने के लिए कई भारतीय खाड़ी देशों का रुख करते हैं। कई लोगों को वहां अच्छे लोग मिलते हैं और जिंदगी अच्छी गुजरती है। लेकिन कई भारतीय प्रवासी ऐसे भी होते हैं जिनके साथ बदसलूकी की जाती है और उन्हें बुरी तरह सताया जाता है।
ऐसी स्थिति में वह दूतावास की मदद मांगने पर मजबूर हो जाते हैं। इसी तरह का एक मामला सिवान जिले से सामने आया है जहां से एक युवक अपने कई सारे सपने लेकर सऊदी जाता है लेकिन वहां पर उसके साथ हुई बदसलूकी के कारण पूरी तरह निराश है और वापस भारत लौटने की भी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
आखिर क्या है मामला?
बताते चलें कि बिशुनपुरा पोस्ट शेखपुरा थाना बसंतपुर जिला सिवान के नारद कुमार 2017 में सऊदी गए थे और रियाद शहर में हाउस ड्राइवर की नौकरी कर ली। कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चला लेकिन एक दिन उसकी एक भारतीय ड्राइवर से ही हुई मारपीट ने उनकी जिंदगी पलट कर रख दी।
मारपीट के कारण उस ड्राइवर ने नारद पर केस कर दिया और नतीजन उन्हें दस दिन जेल में गुजरने पड़े। हालांकि बाद में आपसी रजामंदी से केस की फाइल बंद कर दी गई।
जब केस खत्म हो गया तो क्या है परेशानी?
हालांकि मारपीट का केस खत्म होने के बाद सब कुछ ठीक हो जाना चाहिए था लेकिन नारद जहां काम करता था वहां उसके साथ बदसलूकी शुरू कर दी गई। पैसे नहीं दिए गए और पासपोर्ट भी ब्लैकलिस्ट करवा दिया गया।
नारद ने इसके खिलाफ क्या कदम उठाएं?
सऊदी में कामगारों की रक्षा के लिए कई तरह के नियम लागू किए गए हैं। किसी तरह की बदसलूकी होने पर लेबर कोर्ट में शिकायत की जा सकती है। नारद ने भी ऐसा ही किया लेकिन आरोपियों ने उसे केस वापस लेने का दवाब डाला जिसके बाद मजबूरन नारद को लेबर कोर्ट से केस वापस लेना पड़ा। उसने दूतावास से भी मदद मांगी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
अब नारद ने व्हाट्सएप की मदद से अपनी हालत की जानकारी दी है। परिवार वालों ने नारद पर लगे यात्रा प्रतिबंध को हटाने के लिए महाराजगंज संसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल से मदद मांगने की बात कही है।