अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीय प्रवासियों की वापसी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। मध्य अमेरिकी देश कोस्टा रिका ने अमेरिका से निर्वासित भारतीय प्रवासियों को अस्थायी रूप से स्वीकार करने पर सहमति जताई है। यह कदम दोनों देशों के बीच हुए समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत अमेरिका अवैध प्रवास को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।
अस्थायी केंद्र में रहेंगे निर्वासित भारतीय
कोस्टा रिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रॉबल्स के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, निर्वासन 19 फरवरी से शुरू हो गया है। अमेरिका के वित्तीय सहायता से चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत, प्रवासियों को पनामा की सीमा के पास एक अस्थायी केंद्र में हिरासत में रखा जाएगा। यहां से उनके भविष्य को लेकर फैसला लिया जाएगा—क्या वे भारत भेजे जाएंगे या किसी और प्रक्रिया से गुजरेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
भारत ने 18,000 अवैध प्रवासियों को वापस लेने पर सहमति जताई
अमेरिका में मौजूद कम से कम 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस लेने के लिए भारत सरकार सहमत हो गई है। इसके तहत, अमेरिका ने प्रत्यक्ष रूप से भारतीय नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 17 फरवरी को 112 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर तीसरा विमान पंजाब के अमृतसर पहुंचा।
भारत और अमेरिका के बीच यह समझौता अवैध प्रवासियों के मुद्दे को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
पीएम मोदी ने प्रवासियों पर क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी हालिया वाशिंगटन यात्रा में स्पष्ट कर दिया था कि भारत किसी भी सत्यापित भारतीय अवैध प्रवासी को वापस लेने के लिए तैयार है।
इसके साथ ही, उन्होंने मानव तस्करी पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अन्य देशों में भी भेजे जा रहे अवैध प्रवासी
अमेरिका सिर्फ कोस्टा रिका ही नहीं, बल्कि अल साल्वाडोर, पनामा और ग्वाटेमाला जैसे देशों में भी अवैध प्रवासियों को हिरासत में रखने के लिए समझौते कर चुका है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन के अवैध प्रवासियों को हाल ही में पनामा भेजा गया।
ट्रंप प्रशासन ने ग्वांतानामो बे में भी एक नया हिरासत केंद्र स्थापित किया है, जहां 9/11 हमलों से जुड़े संदिग्ध आतंकवादियों को रखा गया था।
क्या कहती है अमेरिका-भारत की साझेदारी?
अमेरिका से भारतीय अवैध प्रवासियों को लौटाने का समझौता दोनों देशों के बीच गहरी कूटनीतिक साझेदारी को दिखाता है। भारत ने अमेरिका के साथ मिलकर अवैध प्रवास को नियंत्रित करने का फैसला लिया है।
इस पहल से मानव तस्करी पर लगाम लगाने और कानूनी प्रवास को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।
अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों को अब सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि सरकार अब सख्ती से अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने में लगी हुई है।