भारतीय रुपया आज (2 सितंबर) सुबह 1 दिरहम के मुकाबले 23.99 पर ट्रेड कर रहा है। माना जा रहा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डॉलर की खरीदारी करके बाज़ार में दखल दिया है, जिससे रुपया थोड़ा मज़बूत हुआ।
कल रुपया अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर 24.04 तक गिर गया था। लगातार 24 का स्तर छूने के चलते यूएई और खाड़ी देशों में प्रवासी भारतीयों ने बड़े पैमाने पर रेमिटेंस भेजा, क्योंकि उन्हें सबसे बेहतर दरें मिल रही थीं। कुछ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने 24.02 तक की दर ऑफर की।
दुबई स्थित एक रेमिटेंस प्लेटफ़ॉर्म के ट्रेज़री मैनेजर नीलेश गोपालन ने कहा, “24 के नीचे रुपया आने से भारतीय निर्यातकों को फायदा हुआ। उम्मीद थी कि RBI थोड़ा देर से कदम उठाएगा, लेकिन उसने बहुत जल्दी दखल दिया।” रुपये की गिरावट की बड़ी वजह अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ हैं। इनमें से अतिरिक्त 25% टैरिफ भारत की रूस से तेल ख़रीद पर लगाया गया है। अमेरिका इसका विरोध करता है, लेकिन भारत ने साफ कहा है कि वह रूस से तेल आयात बंद नहीं करेगा।
दिलचस्प बात यह है कि रुपये में गिरावट तब हो रही थी जब खुद अमेरिकी डॉलर दबाव में था। डॉलर इंडेक्स फिलहाल 97.79 पर है, जबकि हाल ही में यह 99 से ऊपर गया था।




