Indian iPhone manufacturing. चीन के 14 एप्पल आपूतिकर्ताओं को भारत में उत्पादन करने की मंजूरी मिल गई गई है। भारत सरकार घरेलू स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास में जुटी है। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार खासकर एप्पल पर फोकस कर रही है। ब्लूमबर्ग की ताजा रिपोर्ट में के मुताबिक भारत सरकार ने लक्सशेयर प्रिसिजन और लेंसमेकर सनी ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी की एक यूनिट को भारत में उत्पादन करने की मंजूरी दे दी है। भारत की ओर से मिली इस मंजूरी को पूरी तरह से हरी झंडी मिलने की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। एप्पल के इन आपूर्तिकर्ताओं को भारत में इन कंपनियों को संयुक्त उद्यम के लिए घरेलू भागीदार की तलाश करनी होगी। भारत दुनिया में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की राह पर जा रहा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में ताइवान के डिजीटाइम्स अखबार की रिसर्च यूनिट के एनालिस्ट के मुताबिक वर्ष 2027 तक दुनिया में दो में से एक फोन भारत में निर्मित होगा।
अप्रैल से टाटा समूह बना सकता है आईफोन
अगले वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल से टाटा समूह देश में आईफोन का उत्पादक बन सकता है। टाटा समूह ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन कॉर्प के बंगलूरू संयंत्र को खरीदने के काफी करीब पहुंच चुका है। टाटा समूह विस्ट्रॉन कॉर्प के साथ महीनों से बातचीत कर रहा है, और मार्च के अंत तक खरीदारी पूरी करना चाहता है।
उत्पादन से बाहर होना चाहती है विस्ट्रॉन
विस्ट्रॉन, फॉक्सकान और पैगाट्रान कार्प के साथ भारत में तीन ताइवानी आईफोन निर्माताओं में से एक है। विस्ट्रॉन भारत में आईफोन निर्माण से बाहर निकलने की योजना बना रही है, तो इसके ताइवानी साथी अपनी प्रोडक्शन लाइनों का विस्तार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि एप्पल, चीन पर अपनी निर्भरता घटाने की कोशिश में है।
कितना सस्ता होगा भारतीय iPhone
PLI स्कीम के तहत भारत सरकार देश के अंदर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के सब्सिडी को जारी करती है और इसके साथ ही साथ देश के भीतर बनने वाले वस्तुओं पर इंपोर्ट करने का शुल्क नहीं लगता है जिसके वजह से कुल मिलाकर सरकारी टैक्स में निर्माताओं को छूट मिलेगी जिसके वजह से आईफोन की कीमत है भारत में 20% तक नीचे हो सकती हैं.