शिक्षा के लिए नए नियम
शिक्षा व्यवस्था में छोटा सा बदलाव कई बच्चों का भविष्य संवार सकता है। आजकल जहां पेरेंट्स स्कूल की महंगी फीस के कारण अपने बच्चों को बड़े स्कूल में नहीं पढ़ा पाते हैं वहीं कई पेरेंट्स ऐसे हैं जो बड़े स्कूलों में पढ़ाने के बावजूद भी शिक्षा से संतुष्ट नहीं हो पाते हैं। हालांकि, इस दिशा में लोगों ने ऐसे भी कदम उठाए हैं जो काबिले तारीफ है। बिहार में भी एक ऐसा ही स्कूल है, जिसके बारे में जानकर आप जरूर कह उठेंगे वाकई यह पहल काफी रोमांचकारी है और बच्चों के लिए सुविधाजनक भी है।
बच्चों को बिलकुल मुफ्त में शिक्षा दी जाती है
बिहार के बोधगया के बसाड़ी ग्राम पंचायत के सेवा बीघा में एक स्कूल है जहां बच्चों को बिलकुल मुफ्त में शिक्षा दी जाती है। इसका नाम पद्मपानी स्कूल है और इसे पद्मपानी एजुकेशनल एंड सोशल फाउंडेशन के द्वारा संचालित किया जाता है। यहां वर्ग 1 से 8 वीं तक के बच्चों की पढ़ाई होती है। इस स्कूल में पढ़ने के लिए बच्चों से एक भी रुपया नहीं लिया जाता है। इस स्कूल में 250 गरीब परिवार के बच्चे खूब मजे से पढ़ते हैं।
कहां से चलता है स्कूल का खर्च?
इस स्कूल के खर्च की व्यवस्था यहां मुफ्त में पढ़ने वाले बच्चे ही करते हैं। बच्चों से घर और सडकों से कचरा लाने को कहा जाता है। वह एक एक कचरा चुन चुन कर लेट हैं और उन्हें स्कूल के गेट के पास रखे डस्टबिन में डालते हैं। इस कचरे को बेचकर जितनी भी कमाई होती है उसे बच्चों के पढ़ाई, खाना, कपड़े और किताब पर लगा दिया जाता है।