नेपाल में चल रहे “Gen Z” विरोध प्रदर्शनों के बीच पोखरा से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक उपासना गिल नाम की भारतीय महिला ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने दावा किया कि जिस होटल में वे ठहरी थीं, प्रदर्शनकारियों ने उसमें आग लगा दी। उस समय वे एक स्पा में थीं और बाद में जब बाहर निकलीं तो डंडों से लैस भीड़ उनके पीछे दौड़ने लगी।
उपासना गिल ने कहा कि वे नेपाल में एक वॉलीबॉल लीग होस्ट करने आई थीं, लेकिन अब पूरी तरह फंसी हुई हैं। “होटल जल गया, मेरा सारा सामान अंदर था। बड़ी मुश्किल से मैं अपनी जान बचा पाई। प्रदर्शनकारी सड़कों पर जगह-जगह आग लगा रहे हैं। वे यह भी नहीं देख रहे कि सामने पर्यटक हैं या स्थानीय लोग। हालात बहुत खराब हैं। भारतीय दूतावास से मेरी folded hands विनती है कि कृपया हमें बचाइए।”
भारतीय दूतावास का बयान
काठमांडू में भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि हालात सामान्य होने तक नेपाल की यात्रा स्थगित करें। जो लोग नेपाल में हैं, वे अपने ठिकानों पर ही सुरक्षित रहें और सड़कों पर न निकलें।
दूतावास ने इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं:
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+977-9808602881 (WhatsApp Call भी संभव)
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+977-9810326134 (WhatsApp Call भी संभव)
विदेश मंत्रालय ने भी नागरिकों से स्थानीय प्रशासन की सुरक्षा सलाह का पालन करने को कहा है।
भारतीय पर्यटक लौटने लगे
नेपाल में बिगड़ती स्थिति के चलते उत्तर प्रदेश के सोनौली बॉर्डर से बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक लौटने लगे हैं। भोपाल से आए एक जत्थे में शामिल 60 बुजुर्ग यात्रियों का कहना है कि वे पशुपतिनाथ मंदिर जाने वाले थे, लेकिन फ्लाइट कैंसिल हो गई और उन्हें वापस लौटना पड़ा। कई पर्यटकों को काठमांडू एयरपोर्ट बंद होने के कारण होटल और लॉज में रात गुजारनी पड़ी।
राजनीतिक हालात
नेपाल में सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ “Gen Z” आंदोलन अब बड़े राजनीतिक संकट में बदल चुका है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और नेताओं के घरों में आगजनी कर दी। अब तक कम से कम 19 लोगों की मौत हो चुकी है और हालात काबू से बाहर होते दिख रहे हैं। दबाव के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफ़ा दे दिया है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने आंदोलनकारियों से शांति वार्ता के जरिए समाधान खोजने की अपील की है।




