जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने देश की सबसे बड़ी कसिनो चेन डेल्टा कॉर्प को 11,139 करोड़ रुपये की कथित देनदारी का भुगतान करने को कहा है। हालांकि कंपनी ने इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है।
डेल्टा कॉर्प को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 74(5) और गोवा एसजीएसटी अधिनियम के तहत बकाया कर और जुर्माने के भुगतान का आदेश
महानिदेशालय के हैदराबाद स्थित कार्यालय ने डेल्टा कॉर्प को शुक्रवार को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 74(5) और गोवा एसजीएसटी अधिनियम, 2017 के तहत बकाया कर और जुर्माने के भुगतान आदेश दिया है। आरोप है कि कंपनी ने जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए जीएसटी का कम भुगतान किया है। उसे ब्याज और जुर्माने के साथ 11,139 करोड़ रुपये की कथित कर देनदारी का भुगतान करने की सलाह दी गई है, ऐसा न करने पर कंपनी को धारा 74(1) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
डेल्टा कॉर्प ने कहा कि कंपनी ने सकल बाजी मूल्य के आधार पर जीएसटी की मांग को चुनौती देने के लिए उपलब्ध सभी कानूनी उपायों का पालन करेगी
डेल्टा कॉर्प ने कहा, “डीजी नोटिस में दावा की गई राशि अन्य बातों के साथ-साथ संबंधित अवधि के दौरान कसिनो में खेले गए सभी खेलों में लगाई गई बाजी के सकल मूल्य पर आधारित है। सकल गेमिंग राजस्व की बजाय सकल बाजी मूल्य पर जीएसटी की मांग उद्योग से जुड़ा एक मुद्दा रहा है और इस मुद्दे के संबंध में उद्योग स्तर पर सरकार को पहले ही विभिन्न अभ्यावेदन दिए जा चुके हैं।”
डेल्टा कॉर्प ने बताया कि कंपनी को कानूनी रूप से सलाह दी गई है कि डीजी नोटिस और कर मांग मनमानी और कानून के विपरीत है
इसमें कहा गया है, “कंपनी को कानूनी रूप से सलाह दी गई है कि डीजी नोटिस और कर मांग मनमानी और कानून के विपरीत है, और कंपनी ऐसी कर मांग और संबंधित कार्यवाही को चुनौती देने के लिए उपलब्ध सभी कानूनी उपायों का पालन करेगी।”