भारत में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी डील हुई है। L&T Energy Green Tech को IOCL (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) की तरफ से हरियाणा के पानीपत रिफाइनरी में 10,000 टन हर साल ग्रीन हाइड्रोजन बनाने का ठेका मिला है।
ये प्रोजेक्ट 25 साल के लिए होगा और इसे BOO (Build, Own, Operate) यानी L&T खुद बनाएगी, चलाएगी और हाइड्रोजन सप्लाई करेगी।
📌 टेंडर में किसने किस रेट पर बोली लगाई थी?
| कंपनी का नाम | रेट (₹ प्रति किलो, GST सहित) | स्थिति |
|---|---|---|
| L&T Energy Green Tech | ₹397 | ✅ विजेता (L1) |
| NTPC Renewable Energy | ₹398 | L2 |
| Renew E Fuels | ₹407 | L3 |

इस प्रोजेक्ट को जीतकर L&T ने बाकी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया।
💡 क्यों है ये बड़ी खबर?
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यह IOCL की पहली ग्रीन हाइड्रोजन टेंडर थी जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियां शामिल हुई थीं।
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पहले दो टेंडर कंपनियों की कम रुचि की वजह से कैंसिल हो गए थे।
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इस बार जो टेंडर आया था वह 11 सितंबर 2024 को निकाला गया था, और कंपनियों की मांग पर आखिरी डेट दो बार बढ़ाई गई थी।
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अब जाकर L&T ने बाज़ी मार ली है।
📈 इस खबर का असर किन शेयरों पर पड़ेगा?
| कंपनी का नाम | शेयर पर असर | क्यों? |
|---|---|---|
| L&T (Larsen & Toubro) | 📈 पॉजिटिव | इस प्रोजेक्ट से कंपनी के ग्रीन एनर्जी बिजनेस को बूस्ट मिलेगा और 25 साल का रेगुलर रेवेन्यू मिलेगा। |
| IOCL (Indian Oil) | 📈 हल्का पॉजिटिव | कंपनी ग्रीन एनर्जी की दिशा में कदम बढ़ा रही है, जिससे ESG रेटिंग बेहतर होगी। |
| NTPC | 📉 हल्का निगेटिव | टेंडर हारने की वजह से immediate नुकसान नहीं, पर मौका हाथ से गया। |
| Renew E Fuels | 📉 निगेटिव | L3 यानी सबसे महंगी बोली लगाई, टेंडर से बाहर हो गई। |
| Hydrogen सेक्टर से जुड़ी दूसरी कंपनियाँ | 📈/📉 मिला-जुला असर | इंडस्ट्री में कॉम्पिटिशन बढ़ रहा है, लेकिन ग्रीन हाइड्रोजन का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। |




