टाटा समूह और एप्पल के बीच एक महत्वपूर्ण सौदा की सम्भावना है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा समूह का विस्ट्रॉन फैक्ट्री का अधिग्रहण जल्द ही स्थायी हो सकता है, जो कर्नाटक के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इस सौदे की कीमत अनुमानित रूप से 4000 करोड़ रुपए है। वर्तमान में विस्ट्रॉन आई फोन 15 का निर्माण कर रही है।
सौदे की उम्मीदें और सस्ता iPhone 15
टाटा ग्रुप ने यह वादा किया है कि अगर इस सौदे की पुष्टि हो जाती है, तो वे अगले वर्ष तक फैक्ट्री की क्षमता को तीन गुना बढ़ा देंगे। ऐसा होने पर, यह नई रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, और इसके अलावा, भारत से स्मार्टफोन के निर्यात में भी वृद्धि होगी। आईफोन के निर्माण की लागत भी कम होगी और भारत में अपेक्षाकृत सस्ती होगी।
विस्ट्रॉन की चुनौतियां
एक अन्य खबर के अनुसार, विस्ट्रॉन कंपनी नुकसान में है, जो एप्पल की शर्तों के कारण हो रहा है। विस्ट्रॉन का यह विचार है कि एप्पल ने फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन के मुकाबले अधिक लाभ लिया है। चीन की तुलना में भारत में चुनौतियां हैं, जिनके चलते भारत में कर्मचारियों के साथ काम करना कठिन हो रहा है। ऐसी स्थितियों में विस्ट्रॉन अपनी कंपनी बेचने का विचार कर रही है।
यदि इस सौदे की पुष्टि हो जाती है, तो टाटा समूह एप्पल के नए भागीदार बन जाएंगे, जो भारतीय औद्योगिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
अहम जानकारी | विवरण |
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सौदे की कीमत | 4000 करोड़ रुपए |
वर्तमान निर्माण | आईफोन 15 |
सौदे के प्रतिफल | नौकरियों की सृजना, निर्यात में वृद्धि, निर्माण लागत की कमी |
चुनौतियाँ | एप्पल की शर्तें, भारतीय काम की स्थितियां |
भावी साझेदार | टाटा समूह |