भारत में स्वास्थ्य बीमा को किसी भी उम्र में खरीदा जा सकेगा। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने हाल ही में स्वास्थ्य बीमा से जुड़े नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों में सबसे उल्लेखनीय है स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए अधिकतम उम्र सीमा का पूरी तरह से हटाया जाना। यानी अब 100 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति भी बीमा खरीद सकेंगे।
इसके अलावा, बीमा क्लेम के लिए मोरेटोरियम अवधि को भी 8 साल से घटाकर केवल 5 साल कर दिया गया है। इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति लगातार 5 साल तक प्रीमियम भरता है, तो बीमा कंपनी उसका क्लेम खारिज नहीं कर सकती, भले ही उसे पूर्व में कोई बीमारी हो।
यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक है जिनके पास अब तक कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं था, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए। अधिकांश निजी क्षेत्र के कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद बीमा के दायरे से बाहर हो जाते हैं, जिसके कारण उन्हें बड़ी मुश्किलें होती हैं। अब इस नई नीति से उन्हें भी आवश्यक स्वास्थ्य कवर मिल सकेगा।
बीमा कंपनियां अब डायबिटीज, हाइपरटेंशन या अस्थमा जैसी पुरानी बीमारियों की जानकारी नहीं देने के आधार पर क्लेम खारिज नहीं कर सकतीं। इसका मतलब है कि बीमा पॉलिसियाँ अब और भी अधिक समावेशी और उपयोगकर्ता के अनुकूल होंगी।