जब आप यूएई में काम कर रहे होते हैं तो भारत में टैक्स भरने की बात शायद दिमाग में भी नहीं आती। लेकिन अगर आप भारतीय हैं और यहां रहते हुए भी भारत से कोई न कोई रिश्ता रखते हैं जैसे वहां फ्लैट हो, बैंक अकाउंट हो या कोई निवेश किया हो तो हो सकता है कि इस साल आपको भारत में टैक्स रिटर्न भरना पड़े।
चाहे आपको कोई टैक्स देना भी ना हो, फिर भी रिटर्न भरना फायदेमंद हो सकता है। तो आइए इसे बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं किसे रिटर्न भरना चाहिए, इससे क्या फायदा होता है और आप इसे दुबई में बैठकर ऑनलाइन कैसे कर सकते हैं।
क्या मुझे सच में भारत का टैक्स रिटर्न भरना है?
अगर आपकी कमाई सिर्फ यूएई से है और भारत में कोई आमदनी नहीं है, तो नहीं आपको टैक्स फाइल करना जरूरी नहीं है।
लेकिन अगर आपके पास इनमें से कुछ भी है, तो हां आपको रिटर्न भरना चाहिए:
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भारत में किराये से कमाई हो रही है
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एनआरओ अकाउंट से ब्याज मिल रहा है
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आपने प्रॉपर्टी, शेयर या म्यूचुअल फंड बेचे हैं
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भारत में कोई टैक्स कट गया है और आप उसका पैसा वापस लेना चाहते हैं
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आप निवेश में हुए घाटे को अगले साल के लिए बचाना चाहते हैं
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आपके पास किसी भारतीय कंपनी के शेयर हैं या आप उसके डायरेक्टर हैं
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आप भारत में इतने दिन रहे हैं कि आपको ‘रेजिडेंट’ माना जा सकता है
सीधा नियम यह है: अगर आपकी भारत की आमदनी ₹2.5 लाख से ज़्यादा है, तो टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है।
और अगर आपने कुछ बेचा है और उससे मुनाफा हुआ है (जैसे शेयर या ज़मीन), तो आपको रिटर्न भरना पड़ेगा, चाहे वह मुनाफा ₹2.5 लाख से कम ही क्यों न हो।
एनआरआई के लिए भारत में कौन सी आमदनी पर टैक्स लगता है?
जिस पर टैक्स नहीं लगता:
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यूएई में मिलने वाली सैलरी
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एनआरई और एफसीएनआर अकाउंट से ब्याज
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विदेश से भारत भेजा गया पैसा
जिस पर भारत में टैक्स लगता है:
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भारत में मकान का किराया
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एनआरओ अकाउंट से ब्याज
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भारत में प्रॉपर्टी, शेयर या सोना बेचने से मुनाफा
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भारत में की गई किसी सर्विस से कमाई
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भारत में चल रहे किसी बिजनेस से कमाई
अगर टैक्स भरना पड़े, तो कितना देना होगा?
भारत में टैक्स स्लैब के हिसाब से पैसे कटते हैं:
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₹2.5 लाख – ₹5 लाख: 5% टैक्स
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₹5 लाख – ₹10 लाख: 20%
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₹10 लाख से ज़्यादा: 30%
अगर आपने कुछ बेचा है (जैसे शेयर, प्रॉपर्टी):
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लंबे समय बाद बेचा है: 10–20% टैक्स
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जल्दी बेच दिया (1 साल के अंदर): 15–30% टैक्स
ध्यान रखें: NRIs को ₹2.5 लाख की छूट कैपिटल गेन (मुनाफा) पर नहीं मिलती। यानी छोटा मुनाफा भी टैक्स के दायरे में आएगा।
अगर भारत में इस साल कोई कमाई नहीं हुई तो भी?
तब भी एक ‘ज़ीरो रिटर्न’ भरना समझदारी का काम है। क्यों?
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टैक्स रिकॉर्ड साफ रहेगा
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भारत में लोन लेना आसान होगा
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अगर आप वापस भारत आना चाहें, तो यह सबूत काम आएगा
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अगर निवेश में घाटा हुआ है तो उसे अगली बार के लिए बचा सकते हैं
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अगर पैसा यूएई वापस भेजना है तो यह मदद करेगा
ऐसे समझिए — जैसे पासपोर्ट समय पर रिन्यू कराना, अभी ज़रूरी नहीं लगेगा लेकिन बाद में काम आएगा।
इस साल रिटर्न भरने की आखिरी तारीख क्या है?
अधिकतर NRIs के लिए आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है। अगर आपके केस में ऑडिट है या कोई खास नियम लागू होता है, तो तारीख अलग हो सकती है। लेकिन ज़्यादातर लोगों के लिए यही डेडलाइन है। हो सकता है सरकार डेट बढ़ाए, लेकिन उस पर भरोसा मत करें पहले ही भर देना बेहतर है।
दुबई से टैक्स रिटर्न कैसे भरें?
अब सब कुछ ऑनलाइन होता है, भारत आने की जरूरत नहीं है।
स्टेप-बाय-स्टेप तरीका:
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incometax.gov.in पर जाएं
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PAN नंबर से लॉग इन या रजिस्टर करें
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‘File Income Tax Return’ पर क्लिक करें
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अगर फॉर्म समझ में नहीं आ रहा हो तो ‘Help me choose my ITR form’ चुनें
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अपनी इनकम की जानकारी भरें (कुछ जानकारी पहले से भरी होती है)
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अगर टैक्स देना है तो पेमेंट करें
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रिटर्न प्रीव्यू करें और सबमिट करें
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e-Verify करें — Aadhaar OTP, बैंक अकाउंट या नेट बैंकिंग से
अगर ये तरीके काम ना करें, तो ITR-V फॉर्म प्रिंट करके बेंगलुरु भेज सकते हैं।
TDS को लेकर एक ज़रूरी बात…
अगर किराया, डिविडेंड या म्यूचुअल फंड से आपकी कमाई पर TDS कट चुका है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट गए।
कई NRIs सिर्फ इसलिए रिफंड नहीं लेते क्योंकि उन्होंने रिटर्न ही नहीं भरा आप अपना पैसा गंवा सकते हैं!
UAE में रहने वाले NRIs के लिए एक चेकलिस्ट:
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क्या आपकी भारत में सालाना कमाई ₹2.5 लाख से ज़्यादा है?
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क्या आपने भारत में कोई प्रॉपर्टी या शेयर बेचे हैं?
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क्या आप टैक्स रिफंड या निवेश घाटा कैरी फॉरवर्ड करना चाहते हैं?
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क्या आप भविष्य में भारत में लोन लेने का सोच रहे हैं?
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क्या आपकी भारत-यूएई यात्रा की वजह से रेजिडेंसी स्टेटस कन्फ्यूज़ है?
अगर इनमें से किसी का भी जवाब “हां” है, तो रिटर्न जरूर भरें। आजकल यह बहुत आसान हो गया है — और आप बाद में खुद को धन्यवाद देंगे।
यूएई में रहकर भारत का टैक्स रिटर्न भरना अब कोई बड़ी बात नहीं है बस आपकी फाइनेंशियल लिस्ट में एक और ऑनलाइन काम है।
चाहे आप भारत में निवेश कर रहे हों, वहां पैसा भेज रहे हों या अपने डॉक्युमेंट क्लियर रखना चाहते हों एक सिंपल रिटर्न भरना आपको कई तरीकों से फायदा देगा। अभी थोड़ी मेहनत करें, ताकि आगे झंझट ना हो।




