जापान के टोक्यो स्थित हनेडा हवाईअड्डे पर हुए हादसे के बाद जलते हुए विमान से यात्रियों की निकासी एक चमत्कार है। विमान में सवार 379 यात्री बाहर निकल आए। हादसे के बाद सामने आए वीडियो से पता चला कि यात्री एयरबस ए350 के एस्केप स्लाइड से बाहर आ रहे हैं।

यात्रियों के हाथों में सामान भी नहीं था। वह शांति से बाहर आ रहे थे, जो अपने आप में एक चमत्कार जैसा है। हालांकि, विमान के आग लगने के कारण चालक दल के छह सदस्यों में से पांच की मौत हो गई।

 

1985 में विमान में आग लगने से ब्रिटेन में 55 यात्रियों की हुई थी मौत

जापान से पहले साल 1985 में ब्रिटेन के मैनचेस्टर हवाई अड्डे पर भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। दरअसल, उस वक्त ब्रिटिश एयरटूर्स बोइंग 737 आग की लपटों में घिर गया था, हादसे में 55 लोग मारे गए थे। जांच में सामने आया कि मौत का सबसे बड़ा कारण दरवाजे खोलने में देरी और आपातकालीन निकासी तक यात्रियों की सीमित पहुंच रही। धुएं के कारण यात्रियों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया था।

विमानान सुरक्षा एक्सपर्ट्स की सलाह- यात्रा के दौरान सामान ले जाने से बचें

विमानन सुरक्षा सलाहकार और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के पूर्व वरिष्ठ निदेशक स्टीव क्रीमर ने मामले में कहा कि यदि यात्रा के दौरान आप सामान साथ नहीं ले जा रहे हैं तो यह स्पष्ट रूप से लाभदायक है। बता दें, साल 2000 के एक अमेरिकी सुरक्षा रिपोर्ट में सामने आया था कि हर 11वें दिन किसी न किसी कारण से एक विमान से यात्रियों की निकासी कराई जाती है। हालांकि, सभी घटनाएं सुर्खियों में नहीं आ पाती। आम तौर पर ऐसे मामले सुर्खियों में तभी आते हैं, जब आग लग जाती है। कुछ लोगों का कहना है कि विमान में सामान ले जाने की अनुमति देना एक बड़ी चुनौती है।

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