दिल्ली एनसीआर क्षेत्र अब काफी बड़ा हो चुका है और बड़े आबादी में लोग अलग-अलग क्षेत्र में रह रहे हैं. दिल्ली एनसीआर की कनेक्टिविटी को दुरुस्त करने के लिए रैपिड रेल ट्रांसिट सिस्टम का जहां इस्तेमाल करके मेरठ और दिल्ली की दूरी की ऐसी कटौती की गई है कि अब महज घंटे भर में लोग आ जा सकते हैं.
उत्तर मध्य रेलवे ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेल कॉरिडोर से जोड़ने के लिए 61 किलोमीटर लंबे ट्रैक के निर्माण की घोषणा की है। इस प्रोजेक्ट के तहत चोला से जेवर तक 28 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। यह कॉरिडोर एयरपोर्ट परियोजना के मध्य से गुजरने की योजना थी, लेकिन अब इसे परियोजना के बाहर से या अंडरग्राउंड बनाने की तैयारी है।
इस निर्णय का उद्देश्य नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर की मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को मजबूती प्रदान करना है। रेल कॉरिडोर दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग के चोला रेलवे स्टेशन से शुरू होकर दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग के रुंधी रेलवे स्टेशन तक जाएगा। रुंधी से जेवर के बीच 33 किलोमीटर और जेवर से चोला के बीच 28 किलोमीटर की दूरी है।
हालांकि, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) ने इस परियोजना के मध्य से रेलमार्ग गुजरने पर आपत्ति जताई है, क्योंकि इससे परियोजना पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और इसे बाधित कर सकता है।