“इंडिया टुडे” की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब्दुल कादिर नामक एक व्यक्ति अपनी पत्नी और आठ साल के बेटे के साथ मध्य प्रदेश के सिंगरौली जा रहा था। यह परिवार भोपाल पहुंचा और वहां से वे सिंगरौली के लिए दूसरी ट्रेन लेने वाले थे।
रेलवे स्टेशन पर कादिर को अचानक पेशाब करने की जरूरत पड़ी, लेकिन उन्हें पास में कोई शौचालय नहीं मिला। इसलिए उन्होंने वंदे भारत एक्सप्रेस, जो इंदौर की ओर जा रही थी, में जाकर शौचालय का उपयोग किया।
लेकिन जब कादिर शौचालय से बाहर आए तो उन्होंने देखा कि दरवाजे बंद हो गए थे और ट्रेन स्टेशन से चल पड़ी थी। उन्होंने पुलिस और टिकट कलेक्टर्स से मदद की कोशिश की, लेकिन उन्हें बताया गया कि केवल ट्रेन ड्राइवर ही दरवाजा खोल सकते हैं। उसके बाद वे ड्राइवर के पास जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें रोक दिया गया।
जुर्माना और वापसी के लिए अलग से हुआ खर्च
कादिर को टिकट के बिना ट्रेन में सवार होने के लिए 1,020 रुपये का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने उज्जैन में ट्रेन से उतरकर भोपाल वापस जाने के लिए 750 रुपये का बस टिकट खरीदा।
परिवार की चिंता
कादिर के परिवार के लोग, जो भोपाल में उसके बिना फंस गए थे, ने सिंगरौली के लिए ट्रेन नहीं ली और उन्हें उसकी चिंता थी। टिकटों की कीमत 4,000 रुपये थी और इससे कादिर द्वारा खोई गई कुल धनराशि 5,760 रुपये हो गई।
प्रमुख तथ्य | जानकारी |
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यात्री का नाम | अब्दुल कादिर |
उनका लक्ष्य | सिंगरौली, मध्य प्रदेश |
उन्होंने जिस ट्रेन का उपयोग किया | वंदे भारत एक्सप्रेस |
ट्रेन में सवार होने का जुर्माना | 1,020 रुपये |
भोपाल वापस जाने का खर्च | 750 रुपये (बस टिकट) |
ट्रेन टिकटों का खर्च | 4,000 रुपये |
कुल खोई गई धनराशि | 5,760 रुपये |