दहेज दानव से आजाद नहीं हैं आजाद भारत की महिलाएं
आजाद भारत की महिलाएं अभी तक दहेज के उत्पीड़न से आज़ाद नहीं हो पाई हैं। आए दिन ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं जिनमें महिलाओं के साथ दहेज के लिए उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं। कभी जीवनयापन के लिए पति पर निर्भरता तो कभी समाज की डर से बड़ी संख्या में महिलाएं इस बात की शिकायत भी दर्ज नहीं कराती हैं और आखिर में असहनीय पीड़ा के साथ मौत के मुंह में ढकेल दी जाती हैं।
दहेज से जुड़े उत्पीड़न का एक इसी तरह का मामला सामने आया है जिसमें उत्तर प्रदेश के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के तुर्कवलिया की रहने वाली शबनम खातून ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
शबनम खातून ने दर्ज कराई शिकायत
पीड़ित महिला ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया है कि उनका पति कुवैत जाकर कमाना चाहता है। लेकिन कुवैत जाने की व्यवस्था के लिए उसके पास पर्याप्त पैसा नहीं था। शबनम के पति ने उसपर मायका से पैसे लाने का दबाव बनाने लगा। इसके लिए ससुराल वाले सभी मिलकर प्रताड़ित करते थे।
हालांकि शबनम का पति कुवैत चला गया लेकिन जब वह जूलाई 2023 में कुवैत से वापस आया। वह शबनम को मायके से नहीं लाया। पति का कहना है कि ससुराल वापस लौटने के लिए शबनम को पैसे लाने होंगे। जब शबनम ने इस पैसे लाने से इंकार किया तब उसके पति ने फोन पर ही तलाक दे दिया।