कुवैत में बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंटिंग की प्रक्रिया सभी लोगों के लिए जरूरी है। यह कहा गया है कि सभी को इस प्रक्रिया को पूरा कर लेना जरूरी है। दरअसल Biometric fingerprinting के जरिए उन आरोपियों के बारे में पता चलता है जो फर्जी दस्तावेज के साथ कुवैत में एंट्री की कोशिश करते हैं।

फर्जी दस्तावेज के साथ कुवैत में करते हैं एंट्री
दरअसल जांच में यह पता चला है कि सालों पहले जिन आरोपियों को डिपोर्ट किया गया था वह अपनी आइडेंटिटी में किसी न किसी तरह की बदलाव करके वापस एंट्री की कोशिश करते हैं। बायोमेट्रिक की प्रक्रिया ना होने के कारण इन्हें पकड़ पाना थोड़ा मुश्किल होता है। आरोपी अपना रेजिडेंसी परमिट प्रतिबंध के बावजूद भी रिन्यू करा लेते थे।
लेकिन अब बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद गलत आइडेंटिटी पर एंट्री की कोशिश कर रहे हैं आरोपी की पहचान आसानी से हो जाती है और उन्हें एंट्री प्वाइंट पर ही रोक लिया जाता है। अब अवैध तरीके से एंट्री करने वाले को गिरफ्तार कर लिया जाता है।





