कुवैत के गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि उसने एक संगठित आपराधिक नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है, जो कुवैती आधिकारिक दस्तावेजों की जालसाजी कर यूरोपीय वीज़ा प्राप्त करने, अवैध प्रवास और यूरोपीय संघ (EU) देशों में शरण के दावों में सहायता कर रहा था।
जांच में क्या सामने आया?
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि विस्तृत जांच के बाद यह पता चला कि यह ट्रांसनेशनल (अंतरराष्ट्रीय स्तर का) फर्जीवाड़ा गिरोह था, जो सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर रहा था। इसमें नकली वर्क परमिट्स (कार्य अनुमति पत्र), वेतन संशोधन से जुड़े झूठे दस्तावेज़, नागरिक पहचान (सिविल आईडी) में नियोक्ता का नाम बदलना, बैंक स्टेटमेंट पर फर्जी मुहरें और जाली सैलरी सर्टिफिकेट शामिल थे। ये सभी Schengen वीज़ा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाए जाते थे।
मुख्य साजिशकर्ता कौन है?
इस पूरे रैकेट का सरगना मिस्र का एक नागरिक है, जो कुवैत से बाहर रह रहा है और वहीं से पूरा नेटवर्क चला रहा था। वह दस्तावेज़ों की जालसाजी की प्रक्रिया का संचालन करता था, पैसों का लेन-देन नियंत्रित करता था और नेटवर्क के सदस्यों को निर्देश देता था। कुवैती अधिकारी अब मिस्र के अधिकारियों के साथ मिलकर उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर रहे हैं।
अन्य सहयोगी और उनकी भूमिकायें
दूसरा मिस्री नागरिक सरगना का भाई, जो जालसाजी कार्यों में उसका प्रमुख सहयोगी था। तीसरा मिस्री व्यक्ति वीज़ा अपॉइंटमेंट्स बुक करता था और कन्फर्मेशन रसीदें ट्रांसफर करता था। लेबनानी नागरिक इन्हीं रसीदों को दूतावासों में जमा कर वीज़ा प्रक्रिया को आगे बढ़ाता था। मुख्य आरोपी और उसके भाई के निवास पर छापा मारा गया। छापे में जब्त किए गए सामान में कंप्यूटर, प्रिंटर, फ्लैश ड्राइव, पासपोर्ट, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस शामिल हैं।
गिरफ्तारी और अपराध की गहराई
कई ऐसे व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया जिन्होंने इन्हीं फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए Schengen वीज़ा हासिल किया था। इनमें से अधिकतर मिस्री नागरिक थे। इस रैकेट ने कुवैत में अनुच्छेद 18 (Article 18) के तहत रहने वाले प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाया और उन्हें KD 950 से KD 1,500 तक की राशि लेकर यूरोप में नौकरी या शरण दिलाने का झांसा दिया।
जांचकर्ताओं ने पुष्टि की है कि कुछ व्यक्तियों ने इन जाली दस्तावेज़ों के जरिए वीज़ा लेकर पहले ही यूरोप की यात्रा कर ली है। अब कुवैत और मिस्र की सरकारें मिलकर जांच को और आगे बढ़ा रही हैं और कानूनी कार्यवाहियां कर रही हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
गृह मंत्रालय ने कहा है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के पैटर्न का हिस्सा है। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि कुवैत को अवैध प्रवासन के लिए ट्रांजिट पॉइंट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है।




