कुवैत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बढ़ते ‘बर्ड स्ट्राइक’ (पक्षी टकराव) खतरे से निपटने के लिए कुवैत विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के साथ अहम बैठक की. हाल ही में कुवैत विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अधिकारियों से मुलाकात की. विमानों की उड़ान और लैंडिंग के दौरान पक्षियों के टकराव से फ्लाइट के इंजन खराब हो सकते हैं. उड़ानों की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है और यातायात में भी बाधा आ सकती है. इसी को मद्देनजर रखते हुए ये बैठक की गई.
इन विषयों पर हुई चर्चा
यह दौरा यह दौरा शैक्षणिक मामलों, अनुसंधान और स्नातकोत्तर अध्ययन की कार्यवाहक सह डीन प्रोफेसर डॉ. सुज़ान अल-बुस्तान के नेतृत्व में हुआ. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के हवाई अड्डा सुरक्षा प्रणाली विभाग की ओर से उन्हें निमंत्रण मिला था. इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के हवाई अड्डा संचालन विशेषज्ञ फाथी अल-शैब भी मौजूद थे. बैठक के दौरान हवाई अड्डे के व्यस्त क्षेत्रों में पक्षियों द्वारा पैदा किए जा रहे खतरों का मूल्यांकन करना और ऐसे दीर्घकालिक व व्यावहारिक समाधान तैयार करना जो अंतरराष्ट्रीय और कुवैती पर्यावरणीय नियमों के अनुरूप हों जैसे विषयों पर चर्चा की गई.
संवाद के बाद संयुक्त कार्यबल का गठन किया गया है इसमें कुवैत विश्वविद्यालय के जैविक विज्ञान विभाग के विशिष्ट सदस्य शामिल हैं:
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डॉ. हसन अल-हद्दाद (मॉलिक्यूलर बायोलॉजी)
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डॉ. अमानी अल-अदसानी (निदेशक, बायोटेक्नोलॉजी सेंटर)
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डॉ. अमानी अल-जैदन (पर्यावरण और जैव विविधता विशेषज्ञ)
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डॉ. अल-जाज़ी अल-अनज़ी (पशु व्यवहार विशेषज्ञ)
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डॉ. रावन अल-ऐदान (पशु जीवविज्ञान विशेषज्ञ)




