साउदी अरब, ओमान के बाद अब कुवैत ने भी भारत की ओर से रुख मोड़ना शुरू कर दिया है। दरअसल भारतीय कामगारों के लिए रोजगार के अवसरों का कुंआ कहलाने वाले खाड़ी मुल्कों में अब सूखा गहराने लगा है।
ऐसे में कोरोना काल के दौरान एक के बाद एक ये सभी खाड़ी मुल्क भारतीय प्रवासी कामगरों को घर वापसी का रुख दिखा रहे हैं। वहीं अब इस कड़ी में राज्य के स्वामित्व वाली एयर इंडिया और भारतीय उड़ानों में अगले महीने से कुवैत से भारत आने वाले सैकड़ों यात्रियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में उन्हें यात्रा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ सकती है क्योंकि अमीरात ने संकेत दिया है कि वह जुलाई से भारतीय उड़ानों के दो राष्ट्रीय वाहक को अपनी राजधानी में नहीं उतरने देगा। अब ऐसे में इसका सीधा-सीधा असर भारत से कुवैत यात्रा करने वालों लोगों को भुगतना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि अरब टाइम्स ने सोमवार को इस बात की सूचना देते हुए बताया कि कुवैत और भारत के बीच आगामी यात्राओं को लेकर होने वाली बैठक के दौरान कुवैत की ओर से यह बयान जारी किया गया। कुवैत के डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने एयर इंडिया और भारत की दो अन्य एयरलाइंस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक परिपत्र जारी किया। बता दे इस रिपोर्ट को एक अनाम भारतीय एयरलाइन अधिकारी के हवाले से जारी किया गया है।
मालूम हो कि कुवैत एयरवेज के एक अधिकारी ने कहा कि भारत ने अभी तक परिपत्र पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि भारतीय अधिकारी ने उम्मीद जताई थी कि नई दिल्ली में कुवैत और भारत के बीच चल रही वार्ता से इस मुद्दे का हल निकलेगा। फिलहाल इस खबर ने दोनों देशों के प्रवासी लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है।
वहीं इस मामले पर भारतीय अधिकारी ने कहा, “हम दिल्ली में अपने मुख्य कार्यालय के संपर्क में हैं। दैनिक आधार पर, भारतीय के लगभग 100 यात्री विस्थापित हो जाएंगे, अगर DGCA अपने फैसले पर आगे बढ़ेगा,” भारतीय अधिकारी ने कहा, “मंगलवार तक बातचीत के बाद इस बात का हल निकलेगा”
बता दे इससे पहले, कुवैत ने 1 जुलाई से भारत के लिए सभी उड़ानों को रोकने की धमकी दी थी, आरोप लगाया था कि नई दिल्ली दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय हवाई समझौते में अपनी प्रतिबद्धताओं पर वापस जा रही है। जिसके बाद जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कुवैत का पहला निजी बजट एयरलाइन, जज़ीरा एयरवेज, दुबई के माध्यम से अपनी अधिकांश उड़ानों को संचालित करना चाहता है।
वहीं यह अधिकार एक वाहक को तीसरे देश से और उसके लिए यातायात लेने की अनुमति देता है।बता दे पहले से ही, भारत और भारत से जाजेरेरा की 13 उड़ानों में से दस को कुवैत सिटी के बाद दुबई के रास्ते दूसरे केंद्र के माध्यम से चलाया जाता है। बता दे सरकार की ओर से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे भारतीय और एयर इंडिया के बाजार पर खतरा है, जिसके चलते यह फैसला किया गया है।
कुवैत ने जज़ीरा की भारत और उससे आने वाली उड़ानों में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी का आह्वान किया है, लेकिन बाद के नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस प्रस्ताव को हरी झंडी देनी बाकी है।
अपने यहां विदेशी नागरिकों की बजाए स्थानीय लोगों को नौकरियों में तरजीह देने वाले कानून को पारित करने की तैयारी कर ली है। इस कानून के पारित होने पर न सिर्फ कई भारतीय नागरिकों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है बल्कि करीब 8 लाख भारतीयों के सामने वापस लौटने की भी मजबूरी होगी.GulfHindi.com