कुवैत सरकार राष्ट्रीय पहचान की सुरक्षा और नागरिकता में धोखाधड़ी पर नियंत्रण के उद्देश्य से अपने नागरिकता कानून (Nationality Law) में कई महत्वपूर्ण संशोधन करने की तैयारी में है।
स्थानीय समाचार पत्र अल-क़बस की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र ने पुष्टि की है कि क़ानूनी संशोधनों का मसौदा वर्तमान में मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) की समीक्षा में है और इसके जल्द ही औपचारिक स्वीकृति मिलने की संभावना है।
प्रस्तावित संशोधन के मुख्य उद्देश्य:
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नागरिकता घोटालों और फर्जी दावों पर सख्त कार्रवाई करना
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राष्ट्रीय पहचान और जनसांख्यिकीय संतुलन को संरक्षित रखना
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नागरिकता प्राप्ति की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाना
शीर्ष स्तर पर निगरानी और कार्रवाई
समिति का संचालन पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री शेख फहद अल यूसुफ के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन व्यक्तियों ने धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े या दस्तावेज़ों की जालसाजी से नागरिकता प्राप्त की है, उन्हें तुरंत गिरफ़्तार किया जाए।
सरकार ने दोहराया कि इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी, और नागरिकता प्रणाली की वैधता से समझौता करने वाले मामलों में ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है।
29,000 लोगों ने दायर की नागरिकता विवादों पर आपत्ति
संबंधित घटनाक्रम में, करीब 29,000 व्यक्तियों ने कैबिनेट की ‘नागरिकता वापसी, रद्दीकरण और समाप्ति पर शिकायत समिति’ को औपचारिक आपत्तियां सौंपी हैं, जिनमें उन्होंने नागरिकता के समाप्त होने से संबंधित निर्णयों को चुनौती दी है या स्पष्टीकरण मांगा है।
इस समिति का नेतृत्व न्यायाधीश अली मुसाएद अल धुबैबी कर रहे हैं, और यह टीम सरकारी छुट्टियों सहित चौबीसों घंटे कार्य कर रही है, ताकि प्रभावित लोगों को शिकायत दर्ज कराने में कोई बाधा न हो।
तकनीकी सहायता और पारदर्शिता की पहल
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जो लोग ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने में तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें निर्धारित हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से सीधी सहायता दी जा रही है।
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यह समिति नागरिकों को एक पारदर्शी, सुलभ और न्यायिक मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे उनकी आपत्तियों की स्वतंत्र और निष्पक्ष समीक्षा की जा सके।
सरकार का स्पष्ट संदेश
जैसे-जैसे नागरिकता कानून में संशोधन अंतिम चरण में पहुंच रहा है, कुवैती सरकार ने दो टूक संदेश दिया है “राष्ट्रीय पहचान सर्वोपरि है — और नागरिकता प्रणाली के किसी भी दुरुपयोग पर निर्णायक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”




