कॉन्ट्रैक्ट की जाँच करने लगें अधिकारी
शारजाह में एक फेक रेंट कॉन्ट्रैक्ट का मामला सामने आया है। एक 35 वर्षीय व्यक्ति रेजीडेंसी परमिट के लिए आवेदन देने के लिए गया। बाद में जाँच में पाया गया कि उसका डॉक्यूमेंट फेक था। कर्मचारियों ने जब पूछा कि वह कहाँ रहता है तब वह परेशान हो उठा। यह बात उन्होंने भांप ली और कॉन्ट्रैक्ट की जाँच करने लगें। उसने पानी और इलेक्ट्रिसिटी बिल पर नकली मोहर लगा दिए थे।
आरोपी ने क़ुबूल कर लिया कि उसका कॉन्ट्रैक्ट नकली है और उसके पास किसी तरह का अपार्टमेंट नहीं है
जाँच के दौरान अधिकारीयों को लगा कि उसका दिया गया पता नकली है और स्टाम्प भी नकली है। अधिकारी सचेत हो गए और सघन पूछताछ शुरू कर दी। तुरंत ही आरोपी ने क़ुबूल कर लिया कि उसका कॉन्ट्रैक्ट नकली है और उसके पास किसी तरह का अपार्टमेंट नहीं है। कर्मचारी ने इस बात की जानकारी पुलिस को दे दी और तुरंत ही उसे अरेस्ट कर लिया गया। मामला क्रिमिनल कोर्ट पहुंचा जहां उसे सरकारी कागजात के साथ छेडछाड़ का आरोप लगाया गया है।