केंद्र सरकार ने आम जनता के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत मजदूरी दरों में वृद्धि की है। इस वृद्धि से देश भर के अकुशल श्रमिकों को उनके काम के बदले में अधिक आय होगी, जिससे उनकी जीवन स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
मजदूरी दर में बढ़ोतरी की विशेषताएं
- वृद्धि का पैमाना: विभिन्न राज्यों में मजदूरी दर में 4 से 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है, जो राज्यों के आर्थिक हालात और जीवन यापन की लागत को ध्यान में रखते हुए की गई है।
- राज्यवार वृद्धि: हरियाणा में मजदूरों को अब प्रतिदिन के हिसाब से सबसे ज्यादा 374 रुपये मिलेंगे, जबकि अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में सबसे कम 234 रुपये। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने सात रुपये की मामूली बढ़ोतरी की है, जो प्रतिदिन 237 रुपये तक पहुँच गई है।
- सबसे बड़ी बढ़ोतरी: गोवा में मजदूरी दर में 34 रुपये की भारी बढ़ोतरी की गई है, जिससे अब राज्य में मजदूरी 356 रुपये प्रतिदिन हो गई है।
बढ़ोतरी की प्रक्रिया
निर्वाचन आयोग की मंजूरी प्राप्त करने के बाद, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने योजना के तहत 2023 की मजदूरी दरों में वृद्धि की अधिसूचना जारी की। यह वृद्धि मनरेगा योजना के तहत अकुशल श्रमिकों के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है।
मजदूरी दर वृद्धि का महत्व
मजदूरी दर में यह वृद्धि न केवल अकुशल श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगी बल्कि उन्हें अधिक समर्थ और आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक होगी। यह श्रमिकों को उनके काम के लिए उचित मूल्य प्रदान करते हुए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी और ग्रामीण इलाकों में आर्थिक सक्रियता को बढ़ावा देगी।
आगे की चुनौतियाँ और उम्मीदें
जबकि यह बढ़ोतरी निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है, कुछ विशेषज्ञ इसे नाकाफी मानते हैं। इसके बावजूद, यह उम्मीद की जाती है कि सरकार आगे भी ऐसे कदम उठाएगी जो देश के सबसे कमजोर वर्गों के लिए अधिक लाभकारी सिद्ध हों।