नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ता प्रदूषण अब केवल स्कूल-कॉलेज या ट्रैफिक तक सीमित नहीं रह गया है — इसका असर अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (Trade Fair) पर भी साफ दिखाई दे रहा है।
मेले में लगाए गए आयुष मंत्रालय के पवेलियन पर इस समय सबसे ज़्यादा भीड़ उमड़ रही है।
यहाँ पर लोग सिर्फ जानकारी लेने नहीं, बल्कि खांसी-जुकाम, गले में जलन, ब्रीदिंग दिक्कत और घटती इम्युनिटी से राहत के लिए दवाइयाँ व हर्बल उत्पाद खरीदने पहुँच रहे हैं।
🩺 आयुष डॉक्टरों की OPD शुरू — 60–70% मरीज प्रदूषण से प्रभावित
आयुष मंत्रालय ने मेले में यूनानी, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टरों की ओपीडी भी शुरू की है।
हर दिन अलग-अलग पद्धतियों के डॉक्टर यहाँ आने वाले लोगों की जांच कर रहे हैं और मुफ़्त दवाइयाँ व सलाह दे रहे हैं।
बैंगलुरु से आए यूनानी विशेषज्ञ डॉ. जमाल ने बताया कि ओपीडी में आने वाले 60–70% लोग प्रदूषण से जुड़ी सांस-गले की समस्याओं के कारण इलाज लेने पहुंचे।
बाकी 30–40% लोग बीपी, शुगर और अन्य बीमारियों से जुड़ी सलाह लेने आए।

आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. पूनम भूषण का कहना है कि लोग या तो प्रदूषण की वजह से परेशान हैं, या फिर इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं की डिमांड लेकर पहुँच रहे हैं।
🧴 इन दवाओं और इम्युनिटी बूस्टर की सबसे ज़्यादा मांग
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कासमुस : खांसी के लिए
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शहद + च्यवनप्राश : रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
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शीतोपलादि चूर्ण : खांसी और सांस की तकलीफ में
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अश्वगंधा, शिलाजीत, गिलोय घनवटी : इम्युनिटी बूस्टर
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हरिद्रा खंड : गले की जलन व खांसी में
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बढ़ियें तेल : बंद नाक, जमाव में
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लक्ष्मी विलास रस : खांसी, ब्रोंकाइटिस, बुखार के लिए
स्टॉल संचालकों का कहना है कि कोरोना काल में आयुर्वेद ने राहत दी थी, इसलिए लोग अब भी उसी पर भरोसा करते हुए प्रदूषण से राहत के लिए बड़ी संख्या में इलाज और दवाएँ ले रहे हैं।
👥 मेले में भारी भीड़—लोगों को मिल रही राहत
प्रगति मैदान में लगे आयुष स्टॉल पर सबसे ज़्यादा भीड़ दिखाई दे रही है।
ज्यादातर आगंतुक सांस की समस्या, गले में खराश, आंखों में जलन और सिरदर्द की शिकायतें लेकर पहुँचे, और उन्हें तुरंत दवाएँ व एक्सपर्ट सलाह दी गई।
लोगों ने बताया कि प्रदूषण से हो रही दिक्कतों में आयुर्वेद और यूनानी उपचार से उन्हें तेज राहत मिल रही है।




