प्लास्टिक के डिब्बों में झटपट माइक्रोवेव पर खाना गरम करना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जीवन की जड़ी-बूटी में इसे सहज बताया जा सकता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि इसे हल्के में लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
नैनोप्लास्टिक्स और माइक्रोप्लास्टिक्स के खतरे
एक ताजा अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्लास्टिक के डिब्बों में खाना गरम करने पर डिब्बे के हर एक सेंटीमीटर हिस्से से दो अरब से अधिक नैनोप्लास्टिक्स और 40 लाख माइक्रोप्लास्टिक्स कण निकलते हैं। इन कणों के खाने में जाने से सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
किडनी को पहुंचा सकते हैं नुकसान
इसके अलावा, अध्ययन में इसका उल्लेख किया गया है कि ये छोटे-छोटे कण किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। नेब्रास्का-लिंकन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसे प्रमाणित किया है।
फूड कंटेनर व रियूजेबल पाउच का इस्तेमाल
इस अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पॉलीप्रोपलीन से बने दो बेबी फूड कंटेनर और पॉलीथीन से बने एक रियूजेबल पाउच का इस्तेमाल करके परीक्षण किया। इन कंटेनरों को गरम किया गया और फिर उनके विश्लेषण पर यह पाया गया कि इनमें अरबों माइक्रो और नैनोप्लास्टिक कण उत्पन्न हुए थे।
संक्षेप में, खाने के साथ अरबों जहरीले नैनोप्लास्टिक और माइक्रोप्लास्टिक कण हमारे शरीर में जा सकते हैं और हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी तालिका
अनुसंधान तथ्य | विवरण |
---|---|
अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य | प्लास्टिक के डिब्बों में माइक्रोवेव पर खाना गरम करने के स्वास्थ्य पर प्रभाव का अध्ययन |
मुख्य खुलासा | प्लास्टिक के डिब्बों में गरम होने पर अरबों नैनोप्लास्टिक और माइक्रोप्लास्टिक कण निकलते हैं |
स्वास्थ्य पर प्रभाव | ये कण किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं |