गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कैंटीन में नहीं बेचे जाने वाले ‘गैर स्वदेशी’ उत्पादों की सूची पर फिलहाल रोक लगा दी है। एक अधिकारी ने सोमवार (1 जून) को यह जानकारी दी। इससे पहले सीएपीएफ की कैंटीनों ने डाबर, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया जैसी कंपनियों के एक हजार से अधिक (1026) उत्पादों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था और कहा था कि संबंधित उत्पादों की सोमवार (1 जून) से उनके यहां बिक्री नहीं होगी क्योंकि ये ‘स्वदेशी’ नहीं हैं या फिर इन्हें पूरी तरह आयातित उत्पादों से बनाया जाता है।

 

 

 

 

सीएपीएफ कैंटीनों में अब संबंधित उत्पादों की बिक्री न होने की बात एक सरकारी आदेश में कही गई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत देशभर में सीएपीएफ की 1,700 से अधिक कैंटीनों में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री ही होगी। आदेश में कहा गया था कि जो चीजें ”पूरी तरह” से आयातित उत्पादों से बनाई जाती हैं, उन्हें सोमवार (1 जून) से केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार या सीपीएफ कैंटीनों की सूची से हटाया जा रहा है।

 

कुछ खास उत्पादों में आयातित सामान का इस्तेमाल करने वाली और सूची से बाहर हुई कंपनियों में ब्लू स्टार लिमिटेड, बोरोसिल ग्लास वर्क्स लिमिटेड, कोलगेट पामोलिव इंडिया लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया और अन्य शामिल हैं। आदेश में कहा गया था कि गैर स्वदेशी वस्तुओं को खारिज या सूची से बाहर ”पूरी तरह कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर किया गया है।

 

 

सीएपीएफ कैंटीनों का सालाना तौर पर 2,800 करोड़ रुपए का अनुमानित कारोबार है। ये कैंटीन लगभग 10 लाख कर्मियों वाले बलों के 50 लाख परिजनों को विभिन्न सामान बेचती हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मी आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा रक्षा तक का दायित्व निभाते हैं।

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

Leave a comment

अपना कमेंट दीजिए.